न्यूयॉर्क के सार्क बैठक पर भारत-पाकिस्तान के बीच बने तनाव की छाया

न्यूयॉर्क – संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा के पृष्ठभूमि पर न्यूयॉर्क में अनौपचारिक स्तर पर सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक में भारत एवं पाकिस्तान में तनावपूर्ण प्रतिक्रिया उमड़ रही है। जागतिक स्थिरता, शांति एवं प्रगति के आड़ आनेवाला आतंकवाद यह सबसे बड़ा खतरा होने की टिप्पणी उस समय भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लगाई है। इसीलिए किसी भी प्रकार का भेदभाव न करते हुए आतंकवाद एवं आतंकवाद को अनुकूल वातावरण नष्ट करने की आवश्यकता होने की बात उस समय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जोर देकर कही है।

भारत, अफगानिस्तान, बांगलादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव, श्रीलंका और पाकिस्तान इन सार्क सदस्य देशों की अनौपचारिक बैठक न्यूयॉर्क में हुई है। इस परिषद में सदस्य देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए थे। उस समय बोलते हुए भारत के विदेश मंत्री ने सीधा उल्लेख करते हुए पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद पर कड़ी आलोचना की है। केवल दक्षिण आशिया ही नहीं तो जागतिक स्तर पर स्थिरता शांति एवं प्रगति के आड़ आने वाला आतंकवाद यही सबसे बड़ा खतरा होने का आरोप करके सुषमा स्वराज ने आतंकवाद पर कठोर कार्रवाई का पुरस्कार किया है।

कोई भी भेदभाव न करते हुए आतंकवाद एवं आतंकवाद का अनुकूल वातावरण नष्ट करना आवश्यक होने की बात विदेश मंत्री स्वराज ने इस बैठक में जोर देकर कहीं है। तथा आतंकवाद का पुरस्कार करने की पाकिस्तान की धारणा दक्षिण आशिया के प्रगति एवं सहयोग के आड़ आने के स्पष्ट संकेत स्वराज ने अपने भाषण में दिए हैं। अपना भाषण पूर्ण करके विदेश मंत्री स्वराज वहां से निकल गई। उसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इनका भाषण हुआ है। उन्होंने दक्षिण आशिया के सहयोग के आड़ पाकिस्तान नहीं है, तो दूसरा कोई देश आ रहा है, ऐसा कहकर भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रहार किया। तथा भारत के विदेश मंत्रियों से अपनी अनौपचारिक भेंट नहीं हुई है, ऐसी जानकारी देकर विदेश मंत्री कुरैशी ने उस पर भी नाराजगी व्यक्त की है।

पर विदेश मंत्री स्वराज भाषण पूर्ण करके निकल गए हैं, उसमें कुछ अलग नहीं है, क्योंकि उसके पहले अफगानिस्तान एवं बांगलादेश के विदेश मंत्रियों ने भी वैसा ही किया था, ऐसा कहा जा रहा है। दौरान संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा के पृष्ठभूमि पर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के भेंट का पाकिस्तान ने दिया प्रस्ताव भारत ने स्वीकारा था। पर यह भेंट मतलब द्विपक्षीय चर्चा नहीं होगी, ऐसा भारत ने सूचित किया था। पर जम्मू कश्मीर में अपहरण किये गये ३ पुलिस की हत्या करने के आदेश पाकिस्तान के आयएसआय ने देने की बात उजागर होने पर भारत ने यह भेंट रद्द की थी। पाकिस्तान कभी नहीं सुधरेगा, ऐसी कड़ी आलोचना उस समय भारत के विदेश मंत्री ने की थी।

एक तरफ चर्चा का प्रस्ताव देते समय आतंकवादी कार्रवाईयां शुरू रखने का पाकिस्तान का दोगला स्वभाव आगे चलकर सहन नहीं होगा, ऐसा भारत सरकार से सूचित किया जा रहा है। उस समय पाकिस्तान से चर्चा करके इस देश को प्रतिष्ठा देने के लिए तैयार न होने की स्पष्ट चेतावनी भारत सरकार से की जा रही है। जिसकी वजह से पाकिस्तान का राजनीतिक गतिरोध हुआ है और स्पष्ट धारणा न स्वीकारते हुए भारत को चर्चा का प्रस्ताव देनेवाले पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री पर उनके देश में आलोचना शुरू हुई है।

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