रशिया मिसाइलें और ‘अंडरवॉटर ड्रोन्स’ के लिए ‘न्यूक्लिअर रिॲक्टर्स’ का इस्तेमाल करेगा – परीक्षण सफल होने का दावा

मॉस्को: रशिया ने मिसाइलें और ‘अंडरवॉटर ड्रोन्स’ के लिए छोटे रिॲक्टर्स विकसित किए हैं और और उनका परीक्षण पूरा होने की जानकारी वरिष्ठ सूत्रों ने दी है। रशिया की सरकारी वृत्तसंस्था ‘तास’ ने इस सन्दर्भ में खबर प्रसिद्ध की है। पिछले हफ्ते ही रशिया ने अतिप्रगत श्रेणी के परमाणु वाहक बैलेस्टिक मिसाइल, अभेद्य हाइपरसोनिक मिसाइल और परमाणु वाहक पनडुब्बी का निर्माण करने की जानकारी राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दी थी।

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‘रशिया ने अमर्याद क्षमता वाले क्रुझ मिसाइल और पानी के नीचे कार्यरत रहने वाले बहुउद्देशीय ड्रोन्स के लिए छोटे आकारवाली परमाणु ऊर्जा की निर्मिती करने वाली यंत्रणाओं का परिक्षण पूरा किया है। आज के समय में इस प्रकार की यंत्रणाओं की तकनीक, योजना और उसका इस्तेमाल सिर्फ रशिया को ही संभव हुआ है’, इन शब्दों में रशिया के लष्करी सूत्रों ने रक्षा क्षेत्र के लिए छोटे रिॲक्टर्स का निर्माण सफल होने का दावा किया है।

नए परिक्षण मतलब रशिया के साथ सहकार्य नकारने वाले पश्चिमी देशों को आवश्यक ‘संदेश’ देने की कोशिश है और इसके पहले भी ऐसे संकेत दिए जाने की जानकारी भी सूत्रों ने दी है। पश्चिमी देशों ने रशिया का सामरिक सामर्थ्य निष्प्रभ करने के लिए कई कोशिशें की हैं, जो असफल साबित हुईं हैं, ऐसा भी लष्करी सूत्रों ने कहा है। ‘पश्चिमी देशों को उनके तकनीकी सामर्थ्य के बारे में गलतफैमियां हैं और उन्होंने रशिया ने दिए हुए ‘संदेश’ समझकर नहीं लिए हैं। इसके आगे उन्हें हमारी बराबरी करने की कोशिश करनी पड़ेगी और उसी समय उसके परिणाम भी भुगतने पड़ेंगे’, ऐसा इशारा रशिया के लष्करी सूत्रों ने दिया है।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने पिछले कुछ वर्षों में रशियन रक्षा दल के आधुनिकीकरण के लिए महत्वाकांक्षी योजना जारी की है, जिसके अंतर्गत सन २०२० तक रक्षा दल की सूरत ही बदल दी जाएगी। उसके लिए परमाणु ऊर्जा, हाइपरसोनिक तकनीक, लेझर, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, रोबोट्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। रशिया के रक्षा अधिकारियों ने पिछले कुछ वर्षों में इस तकनीक पर आधारित हथियार और यंत्रणा विक्सित करने के संकेत भी दिए हैं। ‘अन्य देशों की तुलना में रशियन मिसाइल सर्वाधिक दूरी के हैं और दुनिया का कोई भी देश इस मिसाइल से सुरक्षित नहीं है’, यह राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन का इशारा भी ध्यान आकर्षित करने वाल साबित हुआ है।

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