रशिया-यूक्रैन युद्ध की कीमत विश्‍व को चुकानी होगी – भारत के रक्षामंत्री का इशारा

चंदोली – रशिया और यूक्रैन का युद्ध इसी तरह से शुरू रहा तो पूरे विश्‍व को इसकी कीमत चुकानी होगी, यह इशारा भारत के रक्षामंत्री ने दिया हैं| यूक्रैन पर रशिया ने किए हमलें के दस दिन पूरे हो रहे हैं और इस युद्ध का दायरा बढ़ रहा हैं| यूक्रैन और रशिया की अर्थव्यवस्था पर इसका असर दिखाई देने लगाय हैं| रशिया से ईंधन की आयात करनेवाले देशों पर इस युद्ध का असर होगा और आखिर में इसकी कीमत पुरे विश्‍व को चुकानी होगी, यह इशारा राजनाथ सिंह ने दिया|

यूक्रैन पर हमला कर रहीं रशिया की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेराबंदी करने के लिए अमरीका ने राजनीतिक एवं आर्थिक स्तर पर आक्रामक गतिविधियॉं शुरू की हैं| लेकिन, इन कोशिशों को अभी तक उम्मीद के नुसार सफलता हासिल नहीं हुई| रशिया विरोधी कुछ देशों ने अमरीका का यकिनन साथ किया हैं| लेकिन, फ्रान्स और यूरोप के अन्य कुछ देश रशिया के विरोध में अमरीका-नाटो की उम्मीद के नुसार आक्रामक भूमिका अपनाने के लिए तैयार नहीं| खाड़ी के देश भी ईंधन का उत्पादन बढ़ाकर इस युद्ध में अमरीका के पक्ष में खड़े होने के लिए तैयार ना होने की बात दिखा रहे हैं| इस्रायल ने भी रशिया के विरोध में जाने से इन्कार किया हैं|

ऐसी स्थिति में रशिया का पारंपरिक मित्रदेश रहें भारत को अपने पक्ष में करने के लिए मज़बूर करने की दिशा में अमरीका भारी कोशिश कर रही हैं| हर संभव मार्ग से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश अमरीका कर रही हैं और ऐसें में भारत के रक्षामंत्री ने सटिक शब्दों में अमरीका को यूक्रैन युद्ध के परिणामों का अहसास कराया| यह युद्ध ऐसें ही शुरू रहा तो, पूरे विश्‍व को इसकी कीमत चुकानी होगी, ऐसा कहकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस विषय पर भारत की भूमिका स्पष्ट की|

यूक्रैन की समस्या का हल संघर्ष से प्राप्त नहीं होगा, राजनीतिक स्तर की बातचीत ही इस समस्या का हल निकालने का एक मात्र रास्ता होने की बात भारत कह रहा हैं| साथ ही इस समस्या से जुड़े सभी देशों को सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिये, यह भी भारत ने स्पष्ट किया था| यूक्रैन नाटो में शामिल होने से रशिया की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण नहीं होगा, इसकी गारंटी रशिया को चाहिये| इसके अलावा रशिया से हमारी सुरक्षा की गारंटी यूक्रैन को प्राप्त हुई तो यह समस्या खत्म हो सकती हैं| इस समस्या को समज़दारी से दूर किया जा सकेगा| लेकिन, अन्य देशों का हस्तक्षेप युक्रैन की समस्या अधिक बिगाड़ रहा हैं, यह बात भारत विभिन्न पद्धती से बयान कर रहा हैं|

उत्तर प्रदेश की एक सभा में इस मसले पर बोलते समय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यूक्रैन के युद्ध के गंभीर परिणामों का अहसास कराया औड़ तभी भारत एवं रशिया के संबंधों की ओर यूक्रैन युद्ध के नज़रिये से देखना मुमकिन नहीं होगा, यह इशारा भी उन्होंने दिया| भारत अपनी विदेश नीति की स्वतंत्रता नहीं खो देगा और अन्य देशों की सूचनाओं को सूनकर निर्णय भी नहीं करेगा| भारत विधायक भूमिका अपनाकर युद्ध टालने के लिए सबसे अधिक प्राथमिकता देगा, यह संदेश रक्षामंत्री राजनाथ सिंह देते दिख रहे हैं|

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