रशिया ने पाकिस्तान के ५०,००० ‘कॅलॅशनिकोव्ह’ की मांग ठुकराई

मास्को – अमरिका और भारत के बढ़ते सहयोग का लाभ लेते हुए पाकिस्तान ने रशिया के साथ सहयोग स्थापित करने के प्रयत्न शुरू किए थे| इन प्रयत्नों का एक भाग मतलब पाकिस्तान ने रशिया से लगभग ५० हजार ‘कॅलॅशनिकोव्ह’ रायफल्स देने की मांग की थीं| परंतु भारत के साथ के सहयोग को सबसे अधिक महत्व देते हुए रशिया ने पाकिस्तान की यह मांग ना ठुकराई है|

पाकिस्तानी लष्कर से कॅलॅशनिकोव्ह रायफल्स का काफी उपयोग किया जाता हैं| पाकिस्तान और रशिया के बीच किसी भी प्रकार का लष्करी सहयोग नहीं हैं फिर भी चीन ही पाकिस्तान को यह रायफल्स प्रदान कर रहा हैं| रशियन बनावट के मशहूर ‘एके-४७’ रायफल्स का चीनी संस्करण ‘एके-५६’ रायफल्स की पाकिस्तान ने खरीद की थी| कुछ महीनों पहले भारतीय लष्कर ने जम्मू कश्मीर तथा उत्तर-पूर्व भारत में आतंकियों के विरोध में की कार्रवाई में चीनी बनावट के ‘एके-५६’ रायफल्स जब्त किए गए हैं|

इन्ही रायफल्स का रशियन संस्करण और अन्य कॅलॅशनिकोव्ह रायफल्स प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान ने प्रयत्न शुरू किए थे| जनवरी महीने में पाकिस्तान ने रशिया के साथ इस बारे में अधिकृत चर्चा भी की थी| पाकिस्तान के लष्कर को  ‘एके-५६’ एवं उन्नत कॅलॅशनिकोव्ह रायफल्स की आवश्यकता होने का पाकिस्तान ने अपने प्रस्ताव में कहा था| परंतु पाकिस्तान का यह प्रस्ताव रशिया ने नामंजूर करने की जानकारी लष्करी सुत्रों ने एक वृत्तसंस्था से बातचीत करते हुए दी हैं|

भारत के साथ परंपरागत सामरिक सहयोग को रेखांकित कर रशिया ने पाकिस्तान की यह मांग नामंजूर की हैं| उसी के साथ पाकिस्तान को दिए हथियार आतंकवादीयों के हाथ में नहीं जाएंगे इसकी गारंटी देने के लिए पाकिस्तानी यंत्रणा तैयार नहीं हैं| इस कारण  कॅलॅशनिकोव्ह आतंकवादियों के हाथ लगने पर इसका उपयोग भारत के खिलाफ होने वाली कार्रवाईयों के लिए हुआ तो भारत के साथ सहयोग में मनमुटाव निर्माण होगा, इसका विचार कर रशिया ने पाकिस्तान की मांग नामंजूर करने का दावा किया जाता हैं|

दौरान, रशिया ने भारत को कॅलॅशनिकोव्ह रायफल्स के निर्माण का तंत्रज्ञान देते हुए उत्तर प्रदेश के अमेठी में इन रायफल्स का उत्पादन शुरू हो गया हैं| उसी के साथ भारत और रशिया के बीच मिसाइल, अति उन्नत लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर्स, पनडुब्बी, विध्वंसकों के विषय में भी सहयोग शुरू हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published.