ब्रिटन ने कट्टरपंथी और आतंकवाद के खिलाफ सायबर यंत्रणा मजबूत करनी चाहिए – सीआयए के भूतपूर्व निदेशक डेविड पेट्रोस

लंडन: कट्टरपंथी साथ ही आतंकवादियों के हाथ में सायबर क्षेत्र के ‘संहारक शस्त्र’ आए हैं, उन्हें रोकने के लिए ब्रिटन अपनी सायबर सुरक्षा यंत्रणा अधिक मजबूत करने पर जोर दे, ऐसा इशारा अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा के भूतपूर्व निदेशक जनरल डेविड पेट्रोस ने दिया है। आने वाले समय में आईएस जैसे आतंकवादी संगठन के नेता को खत्म करने में सफलता मिलेगी, लेकिन सायबर क्षेत्र में उनका मुकाबला करने के लिए जोरदार तैयारी करना आवश्यक है, ऐसा सीआयए के भूतपूर्व निदेशक ने कहा है।

सायबर यंत्रणा

‘अंतरराष्ट्रीय मोर्चा आईएस को पराजित करने में जरुर सफल होगा। आईएस नेता बगदादी के दिल में चाकू मारने में हमे सफलता मिलेगी। लेकिन आईएस की सायबर क्षेत्र की खिलाफत हम नष्ट नहीं कर सकेंगे। इन्टरनेट पर चल रहे उनके विचारों का प्रचार हम रोक नहीं सकते’, ऐसा इशारा पेट्रोस ने दिया है। इसके लिए उन्हों ने इन्टरनेट क्षेत्र की बड़ी कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया है। यह कंपनियां सायबर क्षेत्र से होने वाला आतंकवाद का प्रसार रोकने के लिए ठोस कदम उठाते नहीं हैं, यह नाराजगी भी पेट्रोस ने जाहिर की है।

सायबर यंत्रणा

इस समय सीआयए के भूतपूर्व निदेशक ने कट्टरपंथी और आतंकवादी समूहों की सायबर क्षेत्र कारवाईयां बहुत चिंताजनक हैं, ऐसा कहा है। ‘कट्टरपंथी और आतंकवादी समूहों में ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें रणभूमि पर आत्मघाती हमले करने की इच्छा है। ऐसे कट्टरपंथियों के हाथ सायबर क्षेत्र के संहारक हथियार लगे तो अनर्थ हो सकता है, ऐसे संहारक हथियारों में अमरिका में बिजली आपूर्ति यंत्रणा को बंद करने की और उसी अवस्था को आगे कायम रखने की व्यवस्था करने की क्षमता हो सकती है। यह बात विनाशकारी साबित हो सकती है। कट्टरपंथियों के हाथ सायबर क्षेत्र के संहारक हथियार लगे तो उन्हें तुम कैसे रोकोगे, इसके बारे में मुझे कुछ मालूम नहीं है’, इन शब्दों में पेट्रोस ने हाहाकार मचाने वाले सायबर हमले के बारे में इशारा दिया है।

सायबर नया ‘युद्धक्षेत्र’ है और उसके लिए क्षमता बढाने पर अधिकाधिक जोर देना यही सर्वोत्तम उपाय है, ऐसी सलाह ‘सीआयए’ के भूतपूर्व निदेशक ने दी है। उसी समय ब्रिटन युद्ध के लिए ‘स्पेशल फोर्सेस’ और लष्कर की एक ‘डिवीज़न’ तैयार रखे, ऐसा आवाहन भी पेट्रोस ने किया है। ‘आईएस’ जैसे आतंकवादी संगठन के खिलाफ युद्ध कुछ साल अथवा कुछ दशकों तक चलने वाला नहीं है बल्कि एक पीढ़ी का संघर्ष होगा, ऐसा भी पेट्रोस ने इशारा दिया है।

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