जागतिक अर्थव्यवस्था को साइबर हमले और अंतरिक्ष की गतिविधियों से होनेवाला खतरा बढ़ा – वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम की चेतावनी

global-economy-cyber-space-attack-threat-1जीनिव्हा – कोरोना की महामारी और जलवायु बदलाव इनके साथ ही जागतिक अर्थव्यवस्था को साइबर हमले तथा अंतरिक्ष के कारनामों से होने वाला खतरा बड़ा होने की चेतावनी ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ ने दी है। ‘द ग्लोबल रिस्न्स रिपोर्ट 2022’ नामक रिपोर्ट में यह भी जताया गया है कि दुनिया भर में असमानता, असंतोष तथा तनाव अधिक ही बढ़ रहे हैं। दुनिया भर के हजार से अधिक विशेषज्ञ और नेताओं के साथ की चर्चा के बाद यह रिपोर्ट तैयार की होने की जानकारी संस्था ने दी।

रिपोर्ट की शुरुआत में ही, कोरोना की महामारी के कारण दुनिया पर होनेवाले विभिन्न प्रकार के परिणामों का ज़िक्र किया गया है। कोरोना के कारण आर्थिक और सामाजिक स्तर पर हुए परिणाम, यह वर्तमान समय में सबसे बड़ा और गंभीर खतरा होने की चेतावनी ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ ने दी। कोरोना के विरोध में चल रही लड़ाई में टीकों की भूमिका पर गौर फरमाकर, उसकी असमान उपलब्धता प्रगत देश और पिछड़े हुए देश इनके बीच की दरार अधिक ही बढ़ानेवाली साबित होती है। यही बात अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव को अधिक तीव्र करनेवाली साबित हो सकती है, ऐसी चिंता ‘द ग्लोबल रिस्न्स रिपोर्ट 2022’ में ज़ाहिर की गई है।

global-economy-cyber-space-attack-threat-2कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंध तथा अन्य परिणामों की वजह से सन 2024 तक जागतिक अर्थव्यवस्था में 2% से अधिक गिरावट आने की संभावना है, ऐसा अनुमान ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ ने जताया है। कोरोना के दौर में डिजिटल प्लॅटफॉर्म्स तथा कुल मिलाकर साइबर क्षेत्र का इस्तेमाल ही बड़े पैमाने पर बढ़ा है। उसी अनुपात में साइबर क्षेत्र के ख़तरे भी तीव्र हो रहे हैं, इसका एहसास इस रिपोर्ट में करा दिया गया। ‘ फिलहाल हम ऐसे पड़ाव पर खड़े हैं, जिसमें साइबर क्षेत्र के ख़तरे तेज़ रफ़्तार से बढ़ रहे होकर, उन्हें रोकने के उपाय और क्षमता कम पड़ रही है’, ऐसा साइबर विशेषज्ञ कॅरोलिना क्लिंट ने जताया।

गुनाहगारी टोलियाँ अधिक आक्रामक दांवपेंचों का इस्तेमाल करके व्यापक साइबर हमले कर रही हैं, ऐसा इस रिपोर्ट में नमूद किया गया। ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की रिपोर्ट में साइबर गुनाहगारों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के हो रहे इस्तेमाल पर तीव्र चिंता जताई गई है। साइबर क्षेत्र के हमलों के साथ ही अंतरिक्ष की गतिविधियाँ भी अहम और बढ़ता ख़तरा है, ऐसी चेतावनी ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ ने दी है।

अंतरिक्ष में सैटेलाइट प्रक्षेपित करने का खर्च कम हुआ होकर, इसका फ़ायदा उठाते हुए कई देशों ने अंतरिक्ष में उड़ान भरने की तैयारी शुरू की है। इससे अंतरिक्ष में भीड़ बढ़ रही होकर, उससे संघर्ष भड़कने का डर है, ऐसी चेतावनी ‘द ग्लोबल रिस्न्स रिपोर्ट 2022’ में दी गई है। साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र के ख़तरो के साथ ही जलवायु बदलाव यह दीर्घकालिक खतरा है, ऐसा ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की रिपोर्ट में बताया गया है।

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