अमरीका की सबसे बड़ी इंधनवाहिनी पर साइबर हमला

us-crude-oil-cyberattackवॉशिंग्टन – अमरीका की सबसे बड़ी इंधनवाहिनी और सप्लाई करने वाली यंत्रणा के रूप में जानी जानेवाली ‘कोलोनिअल पाईपलाईन’ पर बड़ा साइबर हमला किया गया है। इस साइबर हमले के बाद कंपनी ने अपनी पाइपलाइन और इंधन सप्लाई पूरी तरह बंद कर दी है। राष्ट्राध्यक्ष जो बायडेन को इस घटना की जानकारी दी गई होकर, ऊर्जा विभाग और केंद्रीय जाँच यंत्रणाओं ने जाँच शुरू की है, ऐसा व्हाइट हाउस द्वारा बताया गया। अमरीका के पूर्वीय भाग में होनेवाली, लगभग नौ हज़ार किलोमीटर लंबाई की इस इंधनवाहिनी से हररोज़ तकरीबन २३ लाख बैरल इंधन की सप्लाई की जाती है।

पूर्वीय अमरीका में न्यूजर्सी से लेकर टैक्सास तक फैली ‘कोलोनिअल पाईपलाईन’ पर शुक्रवार को साइबर हमला होने की बात सामने आई। हमले के बाद खबरदारी के उपाय के रूप में कंपनी ने अपना पाइपलाइन नेटवर्क पूरी तरह बंद कर दिया। साइबर हमले की जाँच करने के लिए कंपनी ने ‘फायर आय’ इस साइबर सुरक्षा कंपनी की सहायता ली होकर, यह हमला ‘रॅन्समवेअर’ क़िस्म का होने की बात सामने आई है। इस प्रकार के हमलों में हैकर्स अथवा उनका गुट नेटवर्क और जानकारी पर पूरी तरह कब्जा करके, उसके बदले में बड़े पैमाने पर फिरौती की माँग करता है।

us-crude-oil-cyberattackपिछले कुछ सालों में अमरीका के अस्पतालों और सरकारी कार्यालयों पर इसी प्रकार के साइबर हमले लगातार होने की बात सामने आई है। इनमें से कुछ मामलों में फिरौती के रूप में ‘बिटकॉईन’ की माँग की गई होने की घटनाएँ भी सामने आईं थीं। लेकिन इस कोलोनिअल मामले में फिरौती के रूप में किसकी माँग की गई है, इसकी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।

फिलहाल इस साइबर हमले के कारण अमरीका की इंधन सप्लाई अथवा उसकी दरों पर फर्क नहीं पड़ेगा, ऐसा अधिकारियों ने स्पष्ट किया। लेकिन अगर पाँच दिन या उससे ज़्यादा समय तक नेटवर्क बंद रहा, तो इंधन सप्लाई पर असर हो सकता है, ऐसा बताया जाता है।

us-crude-oil-cyberattackइंधनवाहिनी पर हुए साइबर हमले के कारण अमरीका में साइबर सुरक्षा का मुद्दा फिर एक बार चर्चा में आया है। पिछले साल भर में अमरीका की सरकारी यंत्रणाओं तथा प्राइवेट कंपनियों पर बड़े साइबर हमले होने की खबरें सामने आईं थीं। इन हमलों के पीछे रशिया तथा चीन का हाथ होने की जानकारी अमरिकी प्रशासन द्वारा दी गई थी। जवाब के रूप में रशियन यंत्रणाओं पर हमले करने के निर्देश भी दिए गए थे। लेकिन उस मामले में आगे कदम बढ़ाने से पहले ही देश के सबसे बड़े ‘पाईपलाईन नेटवर्क’ पर साइबर हमला होना, यह बात अमरिकी यंत्रणाओं के लिए बड़ी लानत की घटना साबित हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.