अफगानिस्तान की निधि लौटा दें – अमरीका और युरोप के देशों के पास तालिबान की माँग

us-europe-afghan-fund-2वॉशिंग्टन/काबुल – भूखमरी का संकट मँडरा रही अफगानी जनता के लिए अमरीका ने १४ करोड़ डॉलर्स से अधिक मानवतावादी सहायता का ऐलान किया। अलग-अलग अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के ज़रिए लगभग दो करोड़ अफगानियों के लिए यह सहायता पहुँचाई जाएगी, ऐसा अमरीका के विदेश मंत्री अँथनी ब्लिंकन ने घोषित किया। लेकिन उसको कुछ ख़ास अहमियत ना देते हुए तालिबान ने, अमरीका और युरोपीय देश अफगानिस्तान के अरबों डॉलर्स वापस करें, ऐसी माँग की। अफगानिस्तान की ९ अरब डॉलर्स की निधि अमरीका और युरोप के देशों के पास होकर, यह निधि लौटाई जायें इसके लिए तालिबान जानतोड़ कोशिश कर रहा है। लेकिन इस बारे में अमरीका और युरोप के देशों ने अभी तक तालिबान को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं दिया है।

अफगानिस्तान की कुल आबादी चार करोड़ के पास पहुँची है। इनमें से लगभग दो करोड़ जनता पर भूखमरी का संकट आया होने की चेतावनी, संयुक्त राष्ट्र संगठन तथा अन्य अन्तर्राष्ट्रीय संगठन दे रहे हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी हुकूमत स्थापित करने के बाद अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने, अफगानिस्तान को प्रदान की जानेवाली सहायता स्थगित की है। इससे संयुक्त राष्ट्र संगठन के अलग-अलग गुटों के जरिए अफगानिस्तान में जारी मुहिमें बाधित हुई हैं। पश्चिमी देश कम से कम अफगानी जनता के लिए यह सहायता शुरू करें, ऐसा आवाहन किया गया था।

us-europe-afghan-fund-1इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका ने गुरुवार को अफगानिस्तान के लिए १४ करोड़ ४० लाख डॉलर्स की मानवतावादी सहायता की घोषणा की। लेकिन अफगानिस्तान के बैंक में यह रकम रवाना न करते हुए, युनो के मानवाधिकार संगठन, युनिसेफ, डब्ल्युएचओ तथा इंटरनॅशनल ऑर्गनायझेशन फॉर मायग्रेशन इन गुटों के जरिए वर्ग की जाएगी, ऐसी जानकारी अमरीका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने दी। यह सहायता अफगानियों के भले के लिए होकर तालिबान के लिए नहीं है, ऐसा ब्लिंकन ने डटकर कहा। साथ ही, इस साल भर में अमरीका ने अफगानियों को ४७ करोड़ डॉलर्स से अधिक रकम की मानवतावादी सहायता प्रदान की, इसकी याद भी अमरीका के विदेश मंत्री ने करा दी।

लेकिन अमरीका ने घोषित की इस सहायता पर तालिबान संतुष्ट नहीं है। अमरीका के फेडरल रिजर्व और युरोप के अलग-अलग बैंकों में जमा अफगानियों की निधि पश्चिमी देश अफगानिस्तान के बैंक में जमा करें, ऐसी माँग तालिबान के वित्त मंत्रालय ने की। अमरीका में होनेवाले ८ अरब डॉलर्स और युरोप में होनेवाले लगभग सवा अरब डॉलर्स की निधि पर अफगानिस्तान का अधिकार होकर, उस पर पश्चिमी देशों ने किया कब्ज़ा अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करनेवाला है, ऐसा आरोप तालिबान ने किया। अगर यह निधि समय पर ही नहीं लौटाई, तो अफगानी शरणार्थियों के प्रचंड बड़े समूह पश्चिमी देशों पर जाकर टकराएंगे, ऐसी धमकी तालिबान ने दी थी।

तालिबान की इस माँग पर अमरीका ने प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन कुछ घंटे पहले अमरीका और भारत ने जारी किए संयुक्त निवेदन में तालिबान को आवाहन किया। इसके आगे अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए ना हों इसकी जिम्मेदारी तालिबान ले लें, ऐसा आवाहन अमरीका और भारत ने भी किया है। अफगानिस्तान में होनेवाले आतंकवादी संगठनों के अड्डें तथा प्रशिक्षण केंद्र तालिबान नष्ट करें, ऐसी उम्मीद अमरीका समेत भारत ने भी ज़ाहिर की है।

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