कोरोना के संकट काल में भी आठ प्रमुख उद्योग क्षेत्रों की हुई रेकार्ड़ वृद्धि

नई दिल्ली – देश में कोरोना संक्रमण के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से आर्थिक कारोबार पर असर हुआ है। मार्च महीने में खत्म हुए आर्थिक वर्ष में, विकास दर मायनस सात प्रतिशत दर्ज़ हुई थी। ऐसा होने के बावजूद, देश के आठ प्रमुख उद्योग क्षेत्रों की अप्रैल महिने में काफी बड़ी वृद्धि होती दिखाई दे रही है। इन उद्योग क्षेत्रों के उत्पादन में ५६.१ प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी होने का ऐलान केंद्र सरकार ने किया है। उत्पादन में हुई यह बढ़ोतरी उत्साह बढ़ानेवाली और वर्ष २०२१-२२ के आर्थिक वर्ष में भारत के विकास दर की गति कैसी रहेगी, यह दर्शानेवाली होने की बात विशेषज्ञ कह रहे हैं।

core-sector-1वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार के दिन साझा की हुई जानकारी के अनुसार, नैसर्गिक वायु, रिफायनरी प्रोडक्ट, स्टील, सिमेंट और बिजली उत्पादन क्षेत्र के उत्पादन में क्रम के अनुसार २५ प्रतिशत, ३०.९ प्रतिशत, ४०० प्रतिशत, ५४८ प्रतिशत, ३८.७ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई हैं। बीते वर्ष के अप्रैल महीने में इन पाँच क्षेत्रों के उत्पादन दर में गिरावट होकर, ये दर क्रम के अनुसार मायनस १९.९ प्रतिशत, मायनस २४.२ प्रतिशत, मायनस ८२.८ प्रतिशत, मायनस ८५.२ प्रतिशत और मायनस २२.९ प्रतिशत दर्ज़ हुए थे।

अप्रैल महीने में कोयला और खाद निर्माण क्षेत्र की भी वृद्धि हुई है। मात्र कच्चे तेल के उत्पादन में २.१ प्रतिशत गिरावट हुई है। इसी बीच मौजूदा वर्ष में भारत की विकास दर १० से १२ प्रतिशत रहेगी, ऐसीं रिपोर्ट्स जारी हो रही हैं। इस वर्ष भारत, कोरोना संक्रमण के संकट काल में विश्‍व का सबसे अधिक तेज़ प्रगति करनेवाला देश बनेगा, ऐसें दावे विश्‍लेषक कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, आठ प्रमुख उद्योग क्षेत्रों के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी ध्यान आकर्षित कर रही है।

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