वायु सेना के ‘अम्बाला’ और ‘हासिमारा’ अड्डों पर ‘रफायल’ विमान तैनात होंगे

अम्बाला: चीन और पाकिस्तान का खतरा जानकर फ़्रांस की ओर से ख़रीदे जाने वाले लड़ाकू ‘रफायल’ विमान वायुसेना के अम्बाला और हासिमारा अड्डे पर तैनात किए जाने वाले हैं। इस दृष्टिकोण से वायुसेना के इन दो अड्डों के अद्यतीकरण का कार्य शुरू किए जाने की जानकारी वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।

भारत ने पिछले साल फ़्रांस से ३६ ‘रफायल’ विमान खरीद ने का निर्णय लिया था। फ़्रांस से मिलने वाले इन परमाणु वाहक विमानों के पहले दो स्क्वाड्रन की तैनाती व्यूहरचनात्मक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण अड्डों पर की जाने वाली है। भारत का पारंपरिक शत्रु पाकिस्तान और चीन का खतरा जानकर रफायल की तैनाती के लिए ‘अम्बाला’ और ‘हासिमारा’ अड्डों को चुना गया है।

हरियाणा के अम्बाला में स्थित वायुसेना का अड्डा पाकिस्तान सीमा से २२० किलोमीटर दूर है और पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ तो व्यूहरचनात्मक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण अड्डों में इस अड्डे का समावेश होता है। इस अड्डे पर इन विमानों को तैनात करने का मतलब है, भारत पाकिस्तान में बिना घुसे पाकिस्तान की उत्तर सीमा के साथ पूर्व सीमा पर भी हमला कर सकेगा। वर्तमान में इन अड्डों पर ‘जग्वार’ विमानों के दो स्क्वाड्रन और ‘मिग-२१ बायसन’ विमानों की एक स्क्वाड्रन तैनात है। १९४८ में निर्माण किए गए इस अड्डे की जिम्मेदारी सबसे पहले दिवंगत एयर मार्शल अर्जुन सिंह ने संभाली थी। इस ७० वर्ष पुराने अड्डे का अद्यतीकरण तेजी से शुरू किया गया है। ‘रफायल’ की स्काड्रन यहाँ पर दीर्घकाल के लिए तैनात रहेगी, इस दृष्टि से अगले ४० से ५० साल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, इस अड्डे का अद्यतीकरण किया जा रहा है।

‘रफायल’ विमान अम्बाला में तैनात करने का निर्णय होने के बाद यह विमान बनाने वाली फ़्रांस की कंपनी ‘डॅसल’ के विशेषज्ञ पथक ने इस अड्डे को कई बार भेंट देकर इन विमानों की आवश्यक बुनियादी सुविधाओं की योजना दी है, ऐसा वायुसेना के अधिकारी ने कहा है। ‘अम्बाला’ अड्डे के अद्यतीकरण के लिए इसके पहले ही २२० करोड़ रूपए मंजूर किए जाने की जानकारी अधिकारी ने दी है।

दौरान, पश्चिम बंगाल के ‘हासिमारा’ में स्थित वायुसेना के अड्डे का भी अद्यतीकरण का कार्य शुरू हो गया है। इस अड्डे पर ‘रफायल’ की दूसरी स्क्वाड्रन तैनात की जाने वाली है। पश्चिम बंगाल के अलिपुरदुआर जिले का यह अड्डा भारत और भूटान सीमा के पास है। भारत और चीन के बीच तनाव का कारण साबित हुए चुम्बी घाटी के डोकलाम से यह अड्डा ज्यादा दूर नहीं है। इसी बात से इस अड्डे का व्यूहरचनात्मक महत्व अधोरेखित होता है।

फ्रांस के साथ ‘रफायल’ के लिए हुए ५९ हजार करोड़ रूपए के अनुबंध के अनुसार फ्रांस इन विमानों में भारत को जरुरी परिवर्तन करके देने वाला है। इसमें इस्रैली हेलमेट माउन्ट डिसप्ले, रडार वार्निंग रिसीवर, जामर, इन्फ्रा रेड और ट्रैकिंग सिस्टम होगा। यह लड़ाकू विमान अत्याधुनिक हथियारों से सज्जित किया जाने वाला है। इसमें ‘मेटिओर’ मिसाइल का समावेश है और यह मिसाइल लगभग १५० किलोमीटर की दूरी के लक्ष्य को ठीक तरह से भेद सकता है। एशिया के दूसरे किसी भी देश के पास ऐसे मिसाइल न होने का दावा किया जाता है।

फ्रांस ने ३६ रफायल विमान सौंपने के बाद फ़्रांस की ओर से और भी रफायल विमान खरीदने का विचार किए जाने की खबरें कुछ समय पहले प्रसिद्द हुईं थी। भारत की सुरक्षा विषयक आवश्यकता को देखते हुए भारत को और २०० विमानों की जरुरत है। इसके लिए कई कंपनियां मुकाबले में हैं।

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