तालिबान की सरकार स्थापना की तैयारी – याकूब और हक्कानी गुटों के बीच तीव्र मतभेद

काबुल – अमरीका की सेना वापसी के बाद अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करनेवाले तालिबान की ओर पूरी दुनिया की नजरें गड़ी हैं। अफगानिस्तान में सरकार स्थापना के लिए तालिबान के वरिष्ठ नेताओं के बीच प्रदीर्घ चर्चा जारी है। तालिबान का प्रमुख मुल्लाह अखुंदझदा, दूसरे नंबर का नेता मुल्ला बरादर तथा मुल्ला याकूब और सिराजुद्दीन हक्कानी को अहम मंत्री पद मिलने की खबरें आ रही हैं। उसी समय याकूब और पाकिस्तानसमर्थक हक्कानी इन दो गुटों के बीच तीव्र मतभेद इस उपलक्ष्य में सामने आए हैं। वर्तमान परिस्थिति में हालाँकि इन दो गुटों में इस मुद्दे पर संघर्ष नहीं भड़केगा, लेकिन इससे तालिबान में विद्यमान अंतर्विरोध दुनिया के सामने आया है।

taliban-regime-yakub-hakkaniपिछले महीने में राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने अस्थाई सरकार स्थापन की थी। लेकिन सोमवार की मध्यरात्रि को अमरीका की वापसी के बाद तालिबान ने सरकार स्थापना की प्रक्रिया तेज़ की है। तालिबान का प्रमुख मुल्लाह हैबतुल्ला अखुंदझदा को देश का राष्ट्राध्यक्षपद दिया जाएगा यह निश्चित हुआ है। वहीं, तालिबान का सहसंस्थापक और दूसरे नंबर का नेता मुल्ला गनी बरादर के पास विदेश मंत्रालय का पदभार होगा।

तालिबान का संस्थापक मुल्ला ओमर के बेटे मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री पद दिया जाएगा। वही, पिछले कुछ दिनों से काबुल की सुरक्षा की जिम्मेदारी होनेवाला, तालिबान के सबसे बड़े गुट हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को अंतर्गत सुरक्षा मंत्री किया होने की जानकारी सामने आ रही है। लेकिन सिराजुद्दीन हक्कानी को सौंपी गई इस जिम्मेदारी पर मुल्ला याकूब नाराज होने की खबरें आ रही हैं।

हक्कानी नेटवर्क का मुख्य अड्डा पाकिस्तान में होकर कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ के साथ हक्कानी नेटवर्क का पुराना सहयोग है। इस गुट की निष्ठाएँ अफगानिस्तान के साथ नहीं, बल्कि पाकिस्तान के साथ जुड़ीं हैं। इस कारण अफगानिस्तान के मंत्रिमंडल में सिराजुद्दीन हक्कानी को दिया गया स्थान मुल्ला याकूब को मान्य नहीं है।

पिछले कुछ महीनों से तालिबान ने अफगानिस्तान में शुरू किए हमलों में मुल्ला याकूब के गुट ने कंदहार और दक्षिणी अफगानिस्तान के महत्वपूर्ण भागों पर कब्ज़ा किया था। उस समय याकूब के समर्थकों ने कुछ स्थानों से हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादियों को खदेड़ दिया होने की खबरें आईं थीं।

तालिबान के अलग-अलग गुटों में जल्द ही संघर्ष भड़कने की गहरी संभावना है, ऐसी चेतावनियाँ अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषक दे रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में, याकूब और हक्कानी गुटों के बीच होनेवाले तीव्र मतभेद, अफगानिस्तान में नया संघर्ष भड़कानेवाले साबित होंगे, ऐसी संभावना सामने आ रही है। 

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