स्वदेशी ‘नेविगेशन ऐप’ की तैयारी शुरू

नई दिल्ली – गुगल मैप, गुगल अर्थ जैसी वैश्विक स्तर पर नामांकित ‘नेविगेशन’ सुविधाओं का मुकाबला करने के लिए अब भारत के स्वदेशी ‘नेविगेश ऐप’ का निर्माण हो रहा है। इससे संबंधित जानकारी ‘नेविगेशन’ तकनीक की सेवा प्रदान करनेवाली ‘मैप माय इंडिया’ कंपनी ने घोषित की है। इसके अनुसार ‘इस्रो’ के उपग्रह से प्राप्त हुए फोटो और निरीक्षण से संबंधित डाटा प्रदान होगा। वहीं, ‘मैप माय इंडिया’ डिजिटल पद्धती से यह सेवा उपलब्ध कराएगी। इससे भारत में ‘नेविगेशन’ सेवा, नक्शा, भौगोलिक डाटा प्रदान करने की सेवा के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहने की आवश्‍यकता नहीं रहेगी।

navigation-appsफिलहाल देश में बड़ी मात्रा में गुगल मैप, गुगल अर्थ जैसी सेवाओं पर निर्भर रहने की मज़बूरी है। लेकिन, अब स्वदेशी ‘नेविगेशन’ सेवा उपलब्ध हो सकेगी। इस्रो ने पहले ही ‘इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाईट सिस्टम’ (इरनास) नामक उपग्रहों के नेटवर्क की सहायता से अपनी ‘नेविगेशन’ यंत्रणा तैयार की हैं। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नाविक’ नाम दिया था। इस ‘नाविक’ के डाटा का इस्तेमाल करके इस्रो ने ‘भूवन’ नाम का ‘जिओ-पोर्टल’ विकसित किया था। अब आम नागरिकों के लिए भी यह सेवा आसानी से उपलब्ध कराने के लिए इस्रो और ‘मैप माय इंडिया’ काम कर रहे हैं।

विकसित किए जा रहे इस ‘नेविगेशन ऐप’ के माध्यम से प्राप्त होनेवाली सेवाएं गुगल मैप से भी खास रहेंगी। भारत की संप्रभुता और अखंड़ता का विचार करके भारत की सीमा स्पष्ट तौर पर दिखाई जाएगी। साथ ही भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार सरहदी क्षेत्र भी दिखाया जाएगा। भारत के सभी गांव और शहरों के रास्ते एवं रेल मार्गों का इस मैप में समावेश रहेगा। खास बात तो यह है कि, यह सेवा निःशुल्क उपलब्ध होगी।

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