भारत एशिया के गुरूत्वाकर्षण का केंद्र है – जापान के उप-रक्षामंत्री नाकायामा

नई दिल्ली – ‘भारत, एशियाई महाद्विप के गुरूत्वाकर्षण का केंद्र है। चीन का खतरा बढ़ रहा है तभी अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के समावेश वाले ‘क्वाड’ के प्रति भारत अधिक प्रतिबद्धता दिखाए’, ऐसा आवाहन जापान के उप-रक्षामंत्री यासुहिदे नाकायामा ने किया है। साथ ही कोरोना वायरस के उद्गम वाले चीन ने एवं जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने इस मुद्दे पर विश्‍व के सामने अधिक विस्तार से जानकारी रखने की आवश्‍यकता है, ऐसा कहकर जापान के उप-रक्षामंत्री नाकायामा ने चीन की इस मुद्दे से संबंधि भूमिका संदिग्ध होने के संकेत दिए हैं।

‘हमें ताकतवर भारत की आवश्‍यकता है। भारत एशियाई महाद्विप के गुरूत्वाकर्षण का केंद्र और बहुत अहम देश है। ‘क्वाड’ के बारे में भारत की भूमिका की हमें जानकारी है। इसलिए भारत मुक्त और खुले ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अधिक प्रतिबद्धता दिखाए, ऐसा हम आवाहन करते हैं’, ऐसा बयान जापान के उप-रक्षामंत्री ने किया है। एक भारतीय समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में उप-रक्षामंत्री नाकायामा ने यह आवाहन करते वक्त चीन के खतरे का स्पष्ट तौर पर ज़िक्र किया। लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच बढ़े तनाव पर बोलते समय भी नाकायामा ने चीन की आक्रामक और विस्तारवादी नीति की कल्पना होने की बात स्पष्ट की।

चीन की आक्रामक लष्करी हरकतें बर्दाश्‍त करना बड़ा कठिन है, जापान इस बात को अनुभव कर रहा है। इस वजह से लद्दाख की ‘एलएसी’ पर भारत की चिंता जापान समझ सकता है। लेकिन, वहां का विवाद अधिक ना बिगड़े, इस उद्देश्‍य से दोनों देश मिलजुलकर इस मसले का हल निकालें, ऐसी इच्छा जापान रखता है, यह बात भी उप-रक्षामंत्री नाकायामा ने आगे कही। इसके साथ ही करोना की महामारी पर बोलते समय जापान के उप-रक्षामंत्री ने चीन की इससे संबंधित भूमिका पर आशंका व्यक्त की। जहां से इस महामारी की शुरूआत हुई है उस चीन ने एवं जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने इस महामारी से संबंधित अधिक जानकारी विश्‍व के सामने रखने की आवश्‍यकता है, ऐसी फटकार भी नाकायामा ने लगाई है। फिलहाल चीन एवं जागतिक स्वास्थ्य संगठन यह उम्मीद पूरी नहीं कर रहे हैं, यह संकेत भी नाकायामा के बयान से प्राप्त हो रहे हैं।

इसी बीच जापान ने भारत के साथ हर स्तर पर अपना सहयोग अधिक मज़बूत करने के लिए तेज़ कदम उठाना शुरू किया है। दोनों देशों ने हाल ही में ‘स्टील’ क्षेत्र से संबंधित अहम समझौता किया है। इस वजह से भारत का उत्पाद क्षेत्र अधिक विकसित होगा, यह विश्‍वास जताया जा रहा है। साथ ही भारत के उत्पाद क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए एवं जागतिक सप्लाई चेन में भारत को अहम स्थान प्राप्त हो, इसके लिए सहायता करने की तैयारी जापान ने दिखाई है। इस क्षेत्र में चीन का एकाधिकार खत्म करने के लिए जापान उत्सुक है और इससे संबंधित भारत-जापान का सहयोग अहम साबित हो रहा है।

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