जर्मनी की ‘जी ७’ में प्रधानमंत्री शामिल होंगे

नई दिल्ली – अमरीका, कनाड़ा, ब्रिटेन, फ्रान्स, इटली, जापान और जर्मनी जैसे प्रगत और धनिक देशों के समावेश वाले ‘जी ७’ गुट की बैठक का जर्मनी में आयोजन हो रहा है। अगले हफ्ते हो रही इस बैठक में जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्झ ने भारत के प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी साझा की। यह न्यौता जर्मनी और भारत की मज़बूत भागीदारी और उच्च स्तरीय राजनीतिक संवाद का दाखिला होने का बयान विदेश मंत्रालय ने किया है।

इससे पहले ब्रिटेन में आयोजित ‘जी ७’ बैठक में भी भारत के प्रधानमंत्री शामिल हुए थे। जर्मनी में आयोजित हो रही इस बैठक के लिए भी भारत को न्यौता मिला है। यह बात भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अहमियत रेखांकित करती है। ‘जी ७’ में भारत के प्रधानमंत्री दो सत्रों को संबोधित करेंगे। इनमें ऊर्जा, पर्यावरण, अन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और लोकतंत्र आदि मुद्दों का समावेश होगा, यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ‘जी ७’ देशों के नेताओं से द्विपक्षीय चर्चा करेंगे, यह भी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया।

यूक्रेन युद्ध की वजह से उभरी स्थिति और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की चुनौतियों पर ‘जी ७’ देश गहरी चर्चा करेंगे, ऐसा कहा जा रहा है। इस मुद्दे पर भारत की भूमिका अहम होगी। ‘जी ७’ की जानकारी सामने आ रही थी, तभी ब्रिक्स परिषद की भी चर्चा शुरू हुई है। इस बार ब्रिक्स का मेज़बान चीन होगा और प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली इस ब्रिक्स परिषद को संबोधित करेंगे। इसकी भी चर्चा शुरू हुई है और भारत और चीन के संबंधों में निर्माण तनाव की पृष्ठभूमि पर ब्रिक्स में प्रधानमंत्री मोदी का शामिल होना ध्यान आकर्षित करता है।

एक ही समय पर ‘जी ७’ और ‘ब्रिक्स’ जैसी अंतर्राष्ट्रीय परिषदों में भारत की मौजूदगी से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग ही संदेश पहुँच रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक-दूसरे से स्पर्धा कर रही सत्ताओं के दोनों मोर्चों में शामिल होनेवाला भारत विश्‍व का एकमात्र देश है। भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की अहमियत इससे रेखांकित हुई है।

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