गैरज़िंम्मेदार देश अंतरराष्ट्रीय समुद्री नियमों का गलत मतलब निकाल रहे हैं – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की चीन को फटकार

मुंबई – इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की वर्चस्ववादी हरकतें और इनका बेझिझक समर्थन करने वाले चीन को भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इशारा दिया है| सीधे नाम लेने से दूर रहकर राजनाथ सिंह ने चीन को फटकार लगाते हुए यह कहा कि, कुछ गैरज़िम्मेदार देश अपने संकुचित स्वार्थ और वर्चस्ववादी मानसिकता से अंतरराष्ट्रीय समुद्री नियमों का गलत मतलब निकाल रहे हैं| ‘आयएनएस विशाखापट्टनम’ का नौसेना में समावेश करने के लिए आयोजित समारोह में बोलते समय रक्षामंत्री ने चीन को लक्ष्य किया|

रक्षामंत्री राजनाथ सिंहइंडो-पैसिफिक विश्‍व की समुद्री यातायात के लिए बड़ा अहम क्षेत्र है और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए यह क्षेत्र काफी अहम माना जाता है| इसी वजह से यहां के जल परिवहन के रास्ते सुरक्षित रखना भारतीय नौसेना की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है| ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय समुद्री नियमों का लगातार गलत पद्धति से मतलब निकालकर कुछ गैरज़िम्मेदार देश इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहे हैं, ऐसी फटकार रक्षामंत्री ने लगाई|

‘जिम्मेदार देश के तौर पर भारत सबको सहमत नियमों का पालन करने पर जोर देता है| साथ ही शांति, मुक्त और नियमों पर आधारित स्थिर समुद्री व्यवस्था का भारत पुरस्कार करता है’, ऐसा कहकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के बीच का फरक बयान किया| इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की अनियंत्रित हरकतें इस क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण कर रही हैं| इससे वर्णित क्षेत्र के छोटे देश असुरक्षित हैं और जापान एवं ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैण्ड जैसे देशों को भी इससे खतरा महसूस होने लगा है| ऐसी स्थिति में चीन को रोकने के लिए भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समावेश के ’क्वाड’ और अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया की सदस्यता के ‘ऑकस’ गुट का गठन किया गया है|

चीन की वर्चस्ववादी मानसिकता ही इंडो-पैसिफिक की प्रमुख चुनौती है और अगले दिनों में इस क्षेत्र में अस्थिरता फैलाकर अपना वर्चस्व स्थापित करने की मंशा रखनेवाले चीन को रोकना आवश्यक होने का अहसास अन्य यूरोपिय देश भी रखते हैं| इसी कारण विश्‍वभर के प्रमुख लोकतांत्रिक देश भारतीय नौसेना से सहयोग बढ़ाकर लगातार युद्धाभ्यास में शामिल हो रहे हैं| इसके बावजूद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की कार्रवाईयों को लेकर भारत ने संयम रखा था| लेकिन, भारत अब चीन की हरकतों के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपना रहा है|

सीधे आरोप लगाया नहीं है, फिर भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह चीन को लक्ष्य करके ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के गैरज़िम्मेदार देश की आलोचना करते दिखाई दिए है|

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