प्रधानमंत्री के हाथों रोजगार मेले का उद्घाटन

नई दिल्ली – राजधानी नई दिल्ली में आयोजित रोजगार मेले में प्रधानमंत्री ने दस लाख कर्मचारियों के भर्ती अभियान का ऐलान किया। इस समारोह में केंद्र सरकार विभिन्न इलाकों में करीबन ७५ हज़ार युवाओं को नियुक्ती पत्र दे रहा हैं, यह ऐलान प्रधानमंत्री ने किया। धनतेरस के दिन आयोजित किए गए इस रोजगार मेले के स्वरूप मे देश के रोजगार और स्वयंरोजगार अभियान से नयी ड़ोर जुड़ी जा रही हैं। एक ही समय पर नियुक्ती पत्र देने की परंपरा शुरू होने से प्रकल्प समय पर पूरा करने के लिए आवश्यक सांघिक भावना सरकार के सभी विभागों में विकसित होगी, यह विश्वास भी प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया है।

रोजगार मेलेविकसित भारत का संकल्प पूरा करने के लिए हम सब आगे बढ़ रहे हैं। देश को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे ले जाने के लिए किसान, उद्यमी, उत्पादन और सेवा क्षेत्र के हर एक की भूमिका अहम होगी। सभी अहम सुविधा हर एक तक पहुँचेगी, तभी ‘सबका प्रयास’ की भावना सार्थ साबित होगी, यह संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इस बार रोजगार निर्माण को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने शुरू किए योजनाओं की पुरी जानकारी साझ्ाा की। ‘स्किल इंडिया’ अभियान के तहत १.२५ करोड़ युवाओं ने कुशलता प्रशिक्षण प्राप्त किया हैं। इसी बीच स्वयंरोजगार के लिए शुरू किए गए रोजगार मुद्रा योजना के तहत २० लाख करोड़ रुपयों का ऋण वितरित किया गया हैं, यह जानकारी भी प्रधानमंत्री ने साझ्ाा की।

देश में पहली बार खादी और ग्रामीण क्षेत्र के उद्योग ने करीबन चार लाख करोड़ रुपयों से अधिक कारोबार किया है। खादी और ग्रामउद्योग क्षेत्र मे चार करोड़ से भी अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। इनमें महिला वर्ग का हिस्सा काफी बड़ा हैं, यह कहकर प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धी पर संतोष व्यक्त किया। लघू, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगक्षेत्र ने डेढ़ करोड़ रोजगार निर्माण करके कोरोना की महामारी के संकट काल में भी देश को बड़ा आधार दिया। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत योजना २१ वी सदी मे देश के महत्वाकांक्षी प्रकल्प हैं। इससे भारी मात्रा में आयात करनेवाला अपना देश अब निर्यात प्रधान देश बन रहा हैं। कई क्षेत्रों में भारत वैश्विक केंद्र बनने की राह पर आगे निकल चुका है, यह दावा प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया।

उत्पादकता को प्रोत्साहित करनेवाली विशेष योजना केंद्र सरकार ने शुरू की। इसके अनुसार अधिक उत्पादन का मतलब अधिक बोनस होता है। यह नई भारत की नीति हैं, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने उत्पादकता को अधिक से अधिक बल प्रदान हो रहा हैं, यह स्पष्ट किया। पिछले आठ सालों में किए गए सुधारों की वजह से भारत आज विश्व में पांचवे स्थान की बड़ी अर्थव्यवस्था बना हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

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