अमरिका के प्रतिबंधों से भारत को दूर रखने की तैयारी; अमरिकन संसद में विधेयक मंजूर

वॉशिंगटन – अमरिका ने प्रतिबंध लगाये हुए देशों के साथ व्यवहार करनेवाले भारत को इस प्रतिबंध का झटका ना लगे, ऐसी सतर्कता लेनेवाला विधेयक अमरिकन संसद ने मंजूर किया है। उस समय इस विधेयक में पाकिस्तान को दिए जानेवाली सहायता में लगभग १५ करोड़ डॉलर की कटौती की गई है। तथा भारत के साथ अमरिका के रक्षा विषयक सहयोग अधिक व्यापक करने का निर्णय अमरिका ने लिया है।

अमरिकन संसद में लगभग ७१६ अरब डॉलर के रक्षा खर्च को मंजूरी दी थी। साथ ही नेशनल डिफेंस औथोरायझेशन एक्ट २०१९ (एनडीएए) के विधेयक ८७ विरुद्ध १० ऐसे बहुमत से मंजूर करके अमरिका ने भारत को बहुत बड़ा दिलासा दिया है। रशिया एवं चीन इन देशों को लक्ष्य करने वाले प्रतिबंध जारी करनेवाले अमरिका ने अपने प्रमुख सहयोगी देशों को इन प्रतिबंधों का झटका नहीं लगे ऐसी सतर्कता लेनेवाले एनडीएए द्वारा स्पष्ट हुआ है। रशिया से रक्षा साहित्य की खरीदारी करनेवाले देशों को आगे चलकर अमरिका के प्रतिबंधों का झटका देनेवाले विधेयक अमरिकन संसद में इससे पहले ही मंजूर किए थे। उसके अनुसार एस-४०० इस रशियन मिसाइल भेदी यंत्रणा की खरीदारी करने वाले तुर्की एवं भारत को अमरिका के प्रतिबंधों की धमकी दी गयी थी।

भारत ईरान से ईंधन की खरीदारी रोके ऐसी मांग अमरिका से की जा रही है। पर भारत ने इन दोनों मांगे मंजूर करने से इंकार कर दिया था। पर भारत के रक्षा विषयक जरूरतें ध्यान में लेते हुए अमरिका ने रशिया के साथ भारत के रक्षा विषयक व्यवहार की तरफ अधिक प्रगल्भता से देखने की आवश्यकता होने का दावा अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने किया था। उसके अनुसार अमरिका ने आवश्यक कानूनी प्रावधान करके भारत को इन प्रतिबंधों से रिहा करने की तैयारी दिखाई है।

जल्द ही भारत एवं अमरिका के विदेशमंत्री तथा रक्षामंत्री की बैठक होने वाली है और इस टू प्लस टू बैठक के पहले अमरिका ने भारत को अनुकूल होनेवाले विधेयक मंजूर कर किए हैं। भारत को दिलासा देते समय अमरिका ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है। अमरिका से पाकिस्तान को दिए जाने वाले लगभग १५ करोड डॉलर की वित्त सहायता में कटौती हुई है। इस पर पाकिस्तान से प्रतिक्रिया उमड़ सकती है। कुछ दिनों पहले अमरिका के विदेशमंत्री माइक पौम्पिओ ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष पाकिस्तान को कर्ज नहीं दे, ऐसी मांग की थी। मुद्राकोष से मिली आर्थिक सहायता पाकिस्तान चीन का कर्ज चुकाने के लिए उपयोग कर सकता है, ऐसा आक्षेप पौम्पिओ ने लिया है।

इसपर पाकिस्तान ने नाराजगी व्यक्त की है। पाकिस्तान में अबतक नई सरकार सत्ता पर नहीं आई है। इसकी वजह से पाकिस्तान ने मुद्राकोष के पास कर्ज की मांग करने का विषय ही नहीं है, ऐसा कहकर पाकिस्तान के अधिकारियों ने पौम्पिओ पर आलोचना की है। उस समय आतंकवाद विरोधी युद्ध में अमरिका को सहायता करनेवाले पाकिस्तान को मदद करने के बदले अमरिका भारत को सहायता प्रदान कर रहा है, ऐसी नाराजगी इन अधिकारियों ने व्यक्त की थी।

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