फ़िलिप एच. डायहल (१८४७-१९१३)

गरमियों के दिनों में यदि बिना पंखे के रहना पड़ जाये तो! इस कल्पना के बारे में अब हम लोग सोच भी नहीं सकते। भले ही आज भी पूरे देश के ग्रामीण भागों में कुछ ही घंटे बिजली रहती है, तब भी शहर में कुछ ही मिनिटों के लिए बिजली न रहने पर शहरवासियों को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। किन्तु यह अनुभव सभी ने कभी न कभी तो किया ही होता है। आज हमारे रोजमर्रा के जीवन को आरामदेह बनाने के लिए सीलिंग फ़ॅन (पंखे) की खोज ही मुख्य कारण है। गर्मी की तपन को महसूस करनेवाले प्रत्येक के मन में पंखे की हवा शरीर पर लगते ही सुख के अनुभव से मन भर जाता है।

फ़िलिप

यही विचार शायद फ़िलिप डायहल के मन में आया होगा और इसी लिए फ़िलिप ने सीलिंग फ़ॅन की खोज की होगी। इतना ही नहीं तो पंखे के साथ ही फ़िलिप ने सिलाई की मशीन के लिए इलेक्ट्रीक मोटर और बल्ब की भी खोज की। फ़िलिप ये एडिसन के समकालीन एक महान संशोधक थे। फ़िलिप के द्वारा संशोधित किए गये बल्ब के कारण एडिसन को अपने स्वयं खोज किए बल्ब की कीमत कम करनी पड़ी थी।

जर्मनी के डालशेई में फ़िलिप का जन्म हुआ था। इसके बाद सन् १८६८ में फ़िलिप ने जर्मनी छोड़कर न्यूयॉर्क में स्थानान्तरण किया। यहाँ पर फ़िलिप ने अनेक दुकानों में नौकरी की। सन् १८७०-७१ के काल में फ़िलिप ने सिंगर मॅन्युफ़ॅक्चरिंग की दुकान में नौकरी की। शिकागो, इलिनॉईस यहाँ पर घूमनेवाले फ़िलिप ने रेमिंग्टन मशीन कंपनी में काम किया। इस दौरान उन्होंने एक दुर्घटना में अपना सब कुछ गँवा दिया।

सिंगर कंपनी में काम करते समय कंपनी में और घर में आने के बाद भी फ़िलिप का ज्यादा से ज्यादा समय नए-नए प्रयोग करने में जाता था। इसी के दौरान उन्होंने दैनंदिन जीवन में सहजता लाने वालीं और जीवन में आवश्यक रहनेवालीं वस्तुओं की खोज की। इस काल में फ़िलिप द्वारा किए गए प्रयोगों में नये प्रकार के इलेक्ट्रीक बल्ब का समावेश होता है। इसमें फ़िलिप ने कॉईल्स की सहायता से बल्ब में विद्युत् का संचार होगा, ऐसी रचना की थी।

इसके बाद सड़क पर ऊँचाई पर लगायी जाने वालीं लाईट्स यह भी फ़िलिप का ही आविष्कार है। सिंगर के साथ ही काम करते हुए ही फ़िलिप ने सिलाई मशीन का काम अधिक आसान करने के लिए इलेक्ट्रिक मोटर की खोज की, जिसके कारण सिलाई यंत्र का काम तेज़ी से होने लगा। अन्य कामों में भी मोटर की सहायता बहुत ही मूल्यवान साबित हुई। संशोधित की गयीं सभी चीजों के पेटंट्स् फ़िलिप को प्राप्त हुए।

एक तरफ जब उनका नाम सन १८८२ में मशहूर हो रहा था, तब उन्होंने सीलिंग फ़ॅन की खोज की। किंतु इसके पहले शायलर स्कॉट्स व्हिलर ने विद्युत् (बिजली) से चलनेवाला पंखा तैयार किया था। फ़िलिप ने सिलाई यंत्र की मोटर पर पंखे के ब्लेड्स लगाकर छत पर टाँग दिया। इस प्रयोग के द्वारा फ़िलिप ने सीलिंग फ़ॅन के नये रूप का आविष्कार किया। तीन वर्ष के बाद फ़िलिप ने घूमनेवाला पंखा तैयार किया। इसी के कारण फ़िलिप को आधुनिक फ़ॅन का जनक माना जाता है।

फ़िलिप के द्वारा की गयीं इन खोजों के कारण आगे चलकर अनेक गृह-उपयोगी और बाजार के इलेक्ट्रीक उपकरणों की खोज करने की राह आसान हो गई। आज भी फ़िलिप के द्वारा किये गये संशोधन पर ही लोगों का दैनिक जीवन निर्भर है और इस खोज से बनीं वस्तुएँ जीवन के लिए आवश्यक बन गई हैं। इन सबसे फ़िलिप की दूरदर्शिता, बुद्धि की उड़ान और दृढ़ परिश्रम करते हुए खोज करने की प्रवृत्ति दिखाई देती है।

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