भाप पर चलनेवाली नौका और रॉबर्ट फुल्टन

भाप पर चलनेवाली प्रथम सफल व्यावसायिक नौका ‘क्लेरमॉन्ट’ बनाने का श्रेय जाता है, अमरिका के सुप्रसिद्ध मेकॅनिकल, सिविल इंजीनियर एवं खोजकर्ता रॉबर्ट फुल्टन को। क्लेरमॉन्ट की रचना एवं उसके बनावट का कार्य पूर्ण रूपेण रॉबर्ट ने किया है। क्लेरमॉन्ट ने यातायात के इतिहास में एक नया पर्व शुरु किया। भाप पर चलनेवाली इस जहाज के कारण आवागमन के क्षेत्र में एक नयी क्रांति प्रस्थापित हुई ऐसा कहना कोई अतिशोयक्ती नहीं होगी।

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भाप पर चलनेवाली नौका बनाने के अलावा रॉबर्ट ने अन्य संशोधन भी किए हैं। इनमें युद्धनौका, पनडुब्बी, नौदलीय शस्त्रास्त्र ये उपकरण तैयार करने के लिए लगानेवाले यांत्रिक ज्ञान के संशोधन में रॉबर्ट ने सहभाग लिया था। ब्रिटन के लॅनकास्टर नामक स्थान पर अपना बचपन व्यतीत करनेवाले रॉबर्ट ने बचपन में ही अपने अंदर होनेवाले संशोधक की झलक अनेक बार दिखाई थी।

बचपन में अपनी माँ को उसके काम में मदद हो सके इसके लिए रॉबर्ट ने पेन्सिलें तथा रसोईघर में उपयोग में लाये जा सकनेवाले उपकरण भी बनाये थे। इसके साथ ही गाँवों के कुछ त्यौहार, उत्सवों आदि को मनाने के लिए रॉबर्ट ने अग्निबम भी बनाये। बचपन में बच्चे कुछ ना कुछ शैतानी करके अभिभावकों को परेशान करते रहते हैं। रॉबर्ट ने भी वही किया, लेकिन उन शैतानियों को निश्‍चित दिशा एवं आकार देना आवश्यक होने का मर्म रॉबर्ट ने उसी वक्त जान लिया था और रॉबर्ट के पास जन्मजात संशोधनात्मक वृत्ती तो थी ही।

अपनी उम्र के १७ वें वर्ष में एक सुनार के पास सहायक के रुप में काम करनेवाले रॉबर्ट ने २१ वें वर्ष एक बड़े यशस्वी कलाकार एवं पेंटर के रुप में अमरीका में स्वयं को स्थिर कर लिया था। लेकिन मौका मिलते ही रॉबर्ट ने अपने विशेष शौक रहनेवाले विज्ञान एवं अभियांत्रिकी सुधार को जानने की कोशिश जारी रखी। १७९५ में अपनी उम्र के २८ वें वर्ष में रॉबर्ट ने इस क्षेत्र में अपने आप को समर्पित कर दिया अर्थात् दिनरात प्रयत्नशील बने रहे, लेकिन अपने मनोरंजन हेतु पेंटिंग करते रहे।

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सर्वप्रथम रॉबर्ट ने नहरों में प्रवास करने योग्य नौका बनायी। इस बार पानी का स्तर कम-अधिक किया जा सकने के लिए उन नहरों में बनाये गए लॉक्स का उपयोग किए बगैर ही रॉबर्ट ने पानी का स्तर एक समान बनाया रखा जा सके, इसके लिए ऐसी ही एक योजना भी विकसित करने की कोशिश की। साल भर में ही कॅनल नेव्हिगेशन नामक पुस्तक भी जानकारी हासिल की जा सके, इस प्रकार की रॉबर्ट ने प्रसिद्ध की, लेकिन इसके पश्‍चात् रॉबर्ट ने अपना ध्यान पनडुब्बी पर केन्द्रित किया।

परन्तु रॉबर्ट द्वारा तैयार की गयी पनडुब्बी में कुछ दोष दिखायी देने के कारण उसका उपयोग पूर्णत: यशस्वी रुप में न हो सका। रॉबर्ट भाप पर चलनेवाली नौका की खोज करें ऐसी इच्छा अमरीका के मंत्री रॉबर्ट लिव्हिंग्गस्टोन ने व्यक्त की और इसके लिए उन्होंने रॉबर्ट को प्रोत्साहित किया। इसी प्रकार से रॉबर्ट के द्वारा बनायी गई प्रथम भाप की नौका का परीक्षण १८०३ में पेरिस की सेईन नदी में किया गया।

इस नौका का इंजन काफी भारी होने के कारण यह नौका डूब गई। इसके पश्‍चात्, रॉबर्ट ने उसी वर्ष एक नयी नौका बनायी और यह नौका परीक्षण में यशस्वी साबित हुई। १८०६ में रॉबर्ट ने पुन: अमरीका में अपना डेरा डाल दिया और क्लेरमॉन्ट नामक अपनी यह भाप पर चलनेवाली नौका तैयार की। १८०७ में रॉबर्ट ने पुन: क्लेरमॉन्ट जहाज की संपूर्ण रचना तैयार की। इसी वर्ष रॉबर्ट ने क्लेरमॉन्ट का यशस्वी परीक्षण किया। यह परीक्षण न्यूयॉर्क की ह्युडसन नदी में किया गया। इस बार क्लेरमॉन्ट ने ३० घंटों में लगभग १५० मील का सफर तय किया।

हालाँकि भाप पर चलनेवाली यह पहली नौका नहीं थी, मग़र फिर भी व्यावसायिक धरातल पर, प्रत्यक्ष एवं आर्थिक दृष्टि से यशस्वी साबित होनेवाली ‘क्लेरमॉन्ट’ यह पहली ही भाप पर चलनेवाली नौका साबित हुई। इसे चलाने के लिए उपयोगी इंजन इससे पहले के संशोधकों के द्वारा संशोधित किए गए थे। इसके पश्‍चात् कुछ दिनों में ही इस जहाज से नियमित रूप में यात्रियों का आवागमन शुरू हो गया और जलप्रवाही क्षेत्रों को एक नयी दिशा भी मिल गई।

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