‘एअरकंडिशनर’ निर्माता – विलिस कॅरिअर

गर्मी के दिनों में शरीर में होनेवाली जलन को तो सबने ही महसूस किया और भुगता भी होगा। बाहर होनेवाली तेज़ धूप की तीव्रता घर पहुँचने पर भी अपने दाह का काम करती ही रहती है। ऐसे में ठंडी हवा की एक लहर भी यदि शरीर को छू जाए तो वह काफी सुखदायी लगती है और यदि एअरकंडिशन्ड (वातानुकूलित) रूम में बैठने को मिल जाए तो!

एअरकंडिशन की ठंडी हवा लेते समय इस यंत्र की खोज होने से पहले लोग क्या करते रहे होंगे, यह प्रश्‍न भी हमारे मन में उठ खड़ा होता है। परन्तु आज हमें इस यंत्र से लाभ हो रहा है इस बात की संतुष्टि भी होती है। सच पूछा जाए तो यह अद्भुत कल्पना विलिस हॅव्हिलॅन्ड कॅरिअर की है। बचपन से ही विलिस को गणित में काफ़ी रुचि थी। विलिस जब छोटे थे उस समय से ही वे घड़ी, सिलाई की मशीन एवं अन्य कई घरेलू उपकरणों के साथ खेलते-खेलते उनकी मरम्मत करने का काम भी करने लगे थे। धीरे-धीरे विलिस इस क्षेत्र का गंभीरता पूर्वक विचार करने लगे।

एअरकंडिशन्ड

विलिस का जन्म १८७६ में न्यूयॉर्क के अंगोला नामक स्थान पर हुआ था। १९०१ में विलिस ने मेकॅनिकल इंजिनियरिंग में उपाधि (डिग्री) प्राप्त की। इसके पश्‍चात् विलिस ने बफेलो फोर्ज नामक कंपनी में काम करना शुरु कर दिया। इस कंपनी में हिटर्स, ब्लोअर्स एवं एअर एक्झॉस्ट सिस्टीम की निर्मिति की जाती थी।

हिटींग प्रक्रिया का व्यवस्थित रुप में मापन करने के लिए विलिस ने एक नयी पद्धति प्रस्तुत की और उम्र के २५ वें वर्ष में विलिस ने अपने संशोधन कार्य की यशस्वी रुप में शुरुआत कर दी। इसके पश्‍चात् विलिस ने एक प्रकाशन कंपनी के लिए उष्णता एवं नमी इन दोनों में नियंत्रण बनाये रखनेवाले यांत्रिक उपकरण की खोज़ की। इससे इस कंपनी के लिए अनेक रंगों में प्रिंट करना संभव हो सका। इससे पूर्व स्याही एवं पेपर में निर्माण होनेवाली उष्णता एवं नमी के कारण सभी रंग कागज़ पर उतारना प्रिंटिग के वक्त संभव नहीं हो रहा था। इसी कारण विलिस की खोज़ इस कंपनी के लिए संजीवनी साबित हुई और एअरकंडिशन यह विलिस का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण संशोधन साबित हुआ।

ठंड हवा का आनंद प्रदान कर सकनेवाली मानव नियंत्रित यंत्रणा विलिस ने तैयार की। इतना ही नहीं बल्कि बंद कमरे के अंदर का तापमान, स्वच्छ हवा एवं निरंतर प्रवाहित होनेवाली हवा यह सब केवल एक एअरकंडिशन के कारण ही लोगों के लिए सुलभ हो सका।

एअरकंडिशन्ड

इसके पश्‍चात् विलिस द्वारा स्वयं स्थापित की गई कंपनी १९३० में सिराक्युज में ले जायी गई। इस दौरान जागतिक स्तर पर कुछ प्रसिद्ध कंपनियों में विलिस की कंपनी का भी समावेश था। १९३९ में जागतिक धरातल पर आयोजित किए जानेवाले एक्झिबिशन (फेअर) में विलिस ने अपने एअरकंडिशन मशीन को लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया। इसके पश्‍चात् लोगों ने विलिस के इस संशोधन को सिरआँखों पर बिठा लिया।

इसी कारण एअरकंडिशन क्षेत्र में एक नयी क्रांति आ गई है ऐसी राय विशेषज्ञों ने व्यक्त की। परन्तु अल्पावधि में ही द्वितीय महायुद्ध का आरंभ हो गया। इसी कारण इस संशोधन को कुछ काल तक अनदेखा कर दिया गया। कालांतर में एक बार पुन: एअरकंडिशन की माँग बढ़ने लगी। दक्षिण कोरिया यह एअरकंडिशनिंग के लिए जागतिक धरातल पर सबसे प्रसिद्ध व्यापार क्षेत्र माना जाता है।

घरेलू एअरकंडिशनर का उपयोग सन १९२० में शुरु हुआ। ठंडी जलवायु के प्रदेश में रहनेवाले विलिस ने उष्ण हवा के प्रदेश में भी अपने ही राष्ट्र के समान ठंडा वातावरण निर्माण करने का करिश्मा एअरकंडिशनिंग द्वारा कर दिखाया। सन २००० में कॅरिअर कार्पोरेशन में काम करने वालों की संख्या लगभग ४५ हजार तक पहुँच गई है। वहीं इस वर्ष कंपनी ने आठ अरब डॉलर्स का व्यवसाय किया। ये दो बातें विलिस के संशोधन के महत्त्व का और कंपनी के कार्यविस्तार का परिचय कराती हैं।

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