चीन की जनता जासूसी में शामील हो – चीनी गुप्तचर यंत्रणा ‘एमएसएस’ का आवाहन

बीजिंग – विदेशी शक्तियों की जारी जासूसी की कोशिशों को नाकाम करने के लिए चीन के सभी घटक जासूसी के काम में शामिल होने चाहिए, ऐसा आवाहन चीन की प्रमुख गुप्तचर यंत्रणा ने किया है। ‘मिनिस्ट्रि ऑफ स्टेट सिक्योरिटी’ (एमएसएस) नामक यंत्रणा ने सोशल मीडिया पर अपना खाता शुरू करके ऐसी पोस्ट करने की जानकारी सामने आयी है। अप्रैल महीने में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने जासूसी से संबंधित नया कानून पारित करके जासूसी विरोधी प्रावधान अधिक सख्त करके इसका दायरा भी बढ़ाया था।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने पिछले दशक में देश की  बागड़ोर संभालने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा और हितसंबंधों को प्राथमिक मुद्दा बनाया था। वर्ष २०१४ में चीन की हुकूमत ने जासूसी विरोधी कानून पारित किया था। इसके बाद वर्ष २०१६ में एक पुस्तिका जारी करके देश के नागरिकों को विदेशी जासूसों के विरोध में सावधान रहने की चेतावनी दी थी। वर्ष २०२२ में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बने लोगों की जानकारी साझा करने वालों को एक लाख युआन बक्षीस देने की योजना शुरू की गई थी। इसके बाद अप्रैल महीने में जासूसी विरोधी कानून में सुधार करके इसके प्रावधान अधिक सख्त किए गए थे।

जुलाई महीने से नए कानून के प्रावधान लागू हुए। इस कानून में चीन के सभी माध्यम, इंटरनेट सेवा प्रदाती कंपनियां, सांस्कृतिक क्षेत्र की संस्थाएं एवं निजी कंपनियों को भी जासूसी विरोधी अभियान का हिस्सा करने का प्रावधान है। सोमवार को चीन की गुप्तचर यंत्रणा ने सोशल मीडिया पर शुरू किया अकाउंट जासूसी विरोधी नए अभियान का हिस्सा होने का दावा किया जा रहा है। इस अकाउंट की पहली पोस्ट मे राष्ट्रीय सुरक्षा सबकी ज़िम्मेदारी हैं और देश की सभी जनता ने जासूसी विरोधी अभियान में योगदान देना चाहिये, ऐसा आवाहन चीनी गुप्तचर यंत्रणा ने किया।

पिछले कुछ महीनों में दुनिया के शीर्ष देश चीन के बढ़ते खतरे की ओर लगातार ध्यान आकर्षित कर रहे हैं और इसमें चीन की जासूसी का मुद्दा भी रेखांकित किया जा रहा है। पिछले महीने ही चीन ने क्युबा में जासूसी और निगरानी के लिए केंद्र का निर्माण करने का आरोप अमरीका ने लगाया था। वहीं, ब्रिटेन ने अपनी रपट में देश के हर एक क्षेत्र में चीन की जासूसी शुरू होने की आशंका जताई थी।

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