अफ़गानिस्तान के पंजशीर में संघर्ष में २० तालिबानी ढ़ेर

काबुल – अफ़गानिस्तान के उत्तरी ओर के पंजशीर प्रांत में तालिबान और ‘नॉर्दन रेज़िस्टन्स फ्रंट’ (एनआरएफ) के संघर्ष में २० तालिबानी मारे गए। पिछले दस दिनों से पंजशीर में जारी संघर्ष के दौरान तालिबान पर दूसरी बार इतना बड़ा हमला हुआ है। तालिबान ने ‘एनआरएफ’ के लड़कुओं की क्रूरता से हत्या करने की बात सामने आयी थी। इसके बाद पंजशीर में तालिबान पर हमले बढ़े, यह दावा हो रहा है।

पिछले साल अगस्त में तालिबान ने अफ़गानिस्तान में अपनी हुकूमत स्थापित की थी। तालिबान ने अफ़गानिस्तान के अधिकांश प्रांतों पर कब्ज़ा करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, तालिबान कितने भी दावे करे, दस महीने बाद भी अफ़गानिस्तान के उत्तरी ओर स्थित पंजशीर प्रांत पर तालिबान नियंत्रण पा नहीं सका है। अफ़गानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्ला सालेह और ‘नॉर्दन रेज़िस्टन्स फ्रंट’ के प्रमुख अहमद मसूद के नेतृत्व में ‘एनआरएफ’ के कमांडो तालिबान को चुनौती दे रहे हैं।

पंजशीर के दारा और रोखा जिलों में ‘एनआरएफ’ के कमांडो और तालिबान के संघर्ष में २० तालिबानी मारे गए। इस हमले में तालिबान के कई वाहन नष्ट हुए। ‘एनआरएफ’ ने मारे गए तालिबानियों के शवों के फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए। इस संघर्ष के दौरान तालिबान के बद्री फोर्सेस के कमांडो दल को लक्ष्य करने का दावा ‘एनआरएफ’ कर रहा है। तालिबान ने उत्तरी सीमा की सुरक्षा के लिए बद्री फोर्सेस की तैनाती करने की खबरें प्राप्त हुई थीं।

पिछले हफ्ते पंजशीर में संघर्ष में २५ से ३० तालिबानियों को मार गिराने का दावा ‘एनआरएफ’ ने किया था। पिछले महीने से नॉर्दन फ्रंट ने तालिबान पर हमले बढ़ाने की खबरें प्राप्त हुई थी। पंजशीर के हमलों में कम से कम ७० तालिबानी मारे जाने की जानकारी ‘एनआरएफ’ ने दी थी। इसी दौरान तालिबान ही पंजशीर के ‘एनआरएफ’ समर्थक और नागरिकों पर अत्याचार कर रहा है, ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। दस दिन पहले तालिबान ने ‘एनआरएफ’ के लड़ाकुओं की बड़ी कू्रता से हत्या की थी। इसके बाद आगबबूला हुई ‘एनआरएफ’ ने तालिबानी आतंकियों को घेरकर उन पर हमले करना शुरू किया।

तालिबान विरोधि संघर्ष कर रहे ‘एनआरएफ’ के लड़ाकुओं को ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान से हथियारों की सहायता मिल रही है, ऐसे आरोप पहले भी हुए थे। इसके विरोध में तालिबान ने ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान की सीमा पर तैनाती बढ़ाई थी। साथ ही एनआरएफ को हथियारों से सज्जित करना रोका नहीं तो, इसके परिणाम गंभीर होंगे, ऐसा तालिबान ने धमकाया था। इसके बाद दोनों मध्य एशियाई देशों ने अफ़गानिस्तान की सीमा पर सुरक्षा यंत्रणाओं को चौकन्ना रहने की सूचना की थी। साथ ही अफ़गानिस्तान से आनेवाले शरणार्थियों पर अस्थायी रोक भी लगायी थी।

इसी बीच, पंजशीर पर कब्ज़ा करने के लिए तालिबान का हक्कानी गुट काफी बौखलाहट में होने का दावा किया जा रहा है। इस हक्कानी गुट ने पाकिस्तान में स्थित अपने हस्तकों की सहायता से पंजशीर में रासायनिक हमले करने की साज़िश रचने के आरोप हो रहे हैं। ऐसे में तालिबान ने पंजशीर के परयान जिले में चार हज़ार लोगों को भेजा है, ऐसा स्थानीय माध्यमों का कहना है।

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