पाकिस्तान का नया नक्शा यानी राजनयिक मूरखता है – भारत की फटकार

नई दिल्ली – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने जारी किया हुआ तथाकथित नया राजनयिक नक्शा यानी केवल मूरखता है। इसे किसी भी तरह का अंतरराष्ट्रीय मंजूरी या कानूनी आधार नहीं है। बल्कि इससे पाकिस्तान प्रादेशिक स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त करने की कल्पना से कैसे बेबस हुआ है और इसके लिए आतंकवाद के साथ किसी भी स्तर पर जाने की उसकी तैयारी होने की बात दिखाई दे रही है, ऐसी फटकार भारत ने लगाई है। मंगलवार के दिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने एक पत्रकार परिषद में भारत के जम्मू-कश्‍मीर, लद्दाख, जुनागड़ और सर क्रीक पाकिस्तान का हिस्सा दिखानेवाला नया ‘पॉलिटिकल मैप’ जारी किया। इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।

नक्शा

बीते वर्ष अगस्त में भारत ने कश्‍मीर को विशेष दर्जा प्रदान करनेवाली धारा 370 हटाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इसके बाद पाकिस्तान के कब्जे के तौर पर जाने जा रहे कश्‍मीर के गिलगिट-बाल्टिस्तान भारत का ही हिस्सा होने का ऐलान भी किया था। भारत के इस निर्णय पर आलोचना करके इसके विरोध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन प्राप्त करने की असफ़ल कोशिश भी पाकिस्तान ने की थी। इस मामले में प्रधानमंत्री इम्रान खान का पाकिस्तान में मज़ाक भी उड़ाया गया था। भारत के निर्णय पर आलोचना करने के बजाय इम्रान खान अब पाकिस्तान के टुकड़े होने से बचाने की कोशिश करे, यह सलाह भी दी गई थी। इस पृष्ठभूमि पर भारतीय क्षेत्र को अपना हिस्सा दिखानेवाला नया नक्शा जारी करके हम भारत के विरोध में आक्रामक भूमिका अपना रहे हैं, यह दिखावा करने की कोशिश में इम्रान खान होने की बात दिखाई दे रही है।

इम्रान खान के इस निर्णय के पीछे चीन का बहकावा होने की बात भी समझी जा रही है। गलवान वैली के संघर्ष में भारत ने दिए हुए जोरदार झटके की वजह से चीन को बड़ा सदमा लगा है। इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को प्राप्त हुए समर्थन से चीन ने इस क्षेत्र को लेकर अपनाए इरादे मीट्टी में मिल गए है। वर्तमान में भूराजनयिक गणित भी अब चीन के विरोध में गया है और दक्षिण एशिया में भारत के पड़ोसी देशों को भड़काकर नया मोर्चा बनाने की कोशिश चीन कर रहा है। कुछ दिन पहले ही चीन ने भारत के पड़ोसी पाकिस्तान और नेपाल के अलावा अफ़गानिस्तान के साथ एक बैठक की थी। नेपाल और अफ़गानिस्तान पाकिस्तान को आदर्श बनाएं और चीन के साथ सहयोग मज़बूत करें, यह सलाह चीन के विदेशमंत्री वँग यी ने इन देशों को दी थी।

पाकिस्तान और नेपाल के ज़रिए भारत को अस्थिर करने की कोशिश चीन ने पहले ही शुरू की है। इसके लिए इन देशों से भारत के विरोध में चीन के दांव खेले जा रहे हैं। अपनी सीमा से सटे पड़ोसी देशों के हिस्से पर अपना हक जताने का, इसके लिए नए नक्शे जारी करने के और घुसपैठ करके इस क्षेत्र पर कब्जा करना चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की विस्तारवादी नीति का हिस्सा समझा जाता है। पाकिस्तान और नेपाल ने बीते कुछ दिनों में किए भारत विरोधी निर्णय इसी नीति की नक्ल करने की कोशिश होने की बात दिखाई दे रही है। कुछ दिन पहले नेपाल ने कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेखा समेत 395 चौरस किलोमीटर का भारतीय भूभाग अपने क्षेत्र में दिखाने के लिए नया नक्शा जारी किया था। इसके बाद उत्तराखंड के चंपावत ज़िले के सरहदी क्षेत्र पर दावा करके नेपाल ने और एक विवाद निर्माण किया था।

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