चीनी मज़दूरों ने पाकिस्तान सैनिकों से की मारपीट – पाकिस्तान में चीन के विरोध में बढ़ा गुस्सा

इस्लामाबाद – ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) पाकिस्तान के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। इस परियोजना की वजह से पाकिस्तान सिर तक कर्ज में डुबने की आलोचना पहले ही शुरू हुई थी। इसी बीच अब इस परियोजना के लिए काम कर रहे चीनी मज़दूरों ने पाकिस्तानी सैनिकों से मारपीट करने की घटना सामने आई है। इसके साथ ही पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी अपने सैनिकों की शिकायतों की ओर अनदेखा करके चीनी कान्ट्रैक्टर को खुश रख रहे हैं और इसकी वजह से पाकिस्तान में चीन और पाकिस्तानी सेना के विरोध में गुस्से की भावना बढ़ रही है। चीन के मज़दूरों ने पाकिस्तानी सैनिकों को पीटने की यह पहली घटना नहीं है।

मारपीट

‘सीपीईसी’ परियोजना के तहत चीन के मज़दूरों को सुरक्षा देने की ज़िम्मेदारी पाकिस्तानी सेना पर है। पाकिस्तान में अपने मज़दूरों को लक्ष्य किया जा रहा है, यह शिकायत करके चीन ने यह सुरक्षा माँगी थी। इस पृष्ठभूमि पर चीन के मज़दूरों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सैनिक और लष्करी गाड़ियां उपलब्ध कराई जाती हैं। 21 जुलाई के दिन ‘सीपीईसी’ के तहत कराची-पेशावर परियोजना का काम शुरू था तभी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित बहवालपूर ज़िले में चीनी मज़दूरों ने पाकिस्तानी सैनिकों को पीटा। बीते दो सप्ताह से पाकिस्तानी सेना यह मामला दबाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन, चीन के मज़दूरों ने की हुई इस मारपीट की घटना पाकिस्तानी माध्यमों ने ही सामने लाई है।

इस परियोजना पर काम कर रहे चीनी मज़दूर ने सबसे पहले पाकिस्तानी सैनिक के सिर पर दो बार प्रहार किया। इसकी रक्षा के लिए दूसरा पाकिस्तानी सैनिक आगे बढ़ रहा था तभी अन्य तीन चीनी मज़दूरों ने उससे भी मारपीट की। इस दौरान दोनों पाकिस्तानी सैनिक गंभीर घायल हुए है। इस घटना से मेजर शहजाद और लेफ्टनंट कर्नल इम्रान कासिम को अवगत कराया गया था। लेकिन, इन दोनों अधिकारियों ने पाकिस्तानी सैनिकों को शांत रहें और चीनी मज़दूरों का प्रतिकार ना करने के आदेश दिए। इस परियोजना की आड़ में कर्नल इम्रान को चीनी कान्ट्रैक्टर से लाखों रुपए प्राप्त होने का आरोप किया जा रहा है। इसी कारण उन्होंने अपने सैनिकों को ही धौंस दिखाई होने की बात कही जा रही है। तभी मेजर शहजाद ने इस मामले में चीनी मज़दूरों से सवाल किए बिना ही जाँच पूरी करने की आलोचना हो रही है।

मारपीट

पाकिस्तानी सैनिकों को चीनी मज़दूरों से मारपीट होने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी चीनी मज़दूरों ने पाकिस्तानी सेना एवं पुलिस वालों से मारपीट करने की और पाकिस्तानी सेना एवं स्थानीय प्रशासन के आदेश ठुकराने की घटना हुई है। लेकिन, इनमें से किसी भी मामले में चीनी मज़दूरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। बल्कि पाकिस्तानी सैनिकों का अपमान होने की जानकारी सामने आई थी। चीनी मज़दूरों से हो रही मारपीट और अपने ही सेना अधिकारी इस ओर अनदेखा करने से पाकिस्तानी सैनिक और जनता में नाराज़गी बढ़ने का दावा हो रहा है। यही स्थिति बनी रही तो पाकिस्तानी सैनिक अपने वरिष्ठ अधिकारी एवं चीनी कान्ट्रैक्टर के विरोध में बगावत कर सकते हैं, यह दावा पाकिस्तानी विश्‍लेषक कर रहे हैं।

इसी बीच ‘सीपीईसी’ परियोजना में जारी भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी हुई है और चीनी परियोजना पूरी होने से पहले ही डूबना शुरू होने का आरोप हो रहा है। चीनी ऊर्जा कंपनी बड़ी मात्रा में बिजली के बील भेज रही है, ऐसी शिकायतें भी प्राप्त हो रही हैं। इसके लिए पाकिस्तान में हो रहा भ्रष्टाचार ज़िम्मेदार होने का आरोप पाकिस्तानी माध्यम कर रहे हैं। इस परियोजना की आड़ में पाकिस्तान का निवाला निगलने की कोशिश में चीन जुटा होने के इशारे पाकिस्तान के विश्‍लेषक दे रहे हैं।

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