कश्मीर के लिए पाकिस्तान किसी भी हद तक जाएगा – पाकिस्तानी सेना की धमकी

इस्लामाबाद – राज्यसभा ने धारा ३७० रद्द करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने के निर्णय को अनुमति देने के पश्चात पाकिस्तान में बहुत बड़ी उथल-पुथल शुरू हो गई हैं| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान पर कठोर टीका शुरू होते हुए विरोधी पक्ष के नेताओं के साथ पाकिस्तानी समाचार माध्यम और विशेषज्ञों ने भी इम्रान खान को जिम्मेदार ठहराया हैं| बुधवार के दिन पाकिस्तानी संसद में इस मुद्दे पर कोलाहल मचने की खबरें प्रसिद्ध हुई थीं| पाकिस्तान में राजनैतिक स्तर पर यह गड़बड़ शुरू होते हुए, पाकिस्तानी लष्कर ने कश्मीर के लिए किसी भी हद तक जाने की चेतावनी दी हैं|

‘अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कश्मीर के प्रश्न पर मध्यस्थता करने का आश्वासन देने के बाद इम्रान खान कैफ में घूम रहे थें| इसी अवसर का फायदा उठाते हुए भारत ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा निकाल दिया’, ऐसी आलोचना शुरू हुई हैं|

प्रधानमंत्री इम्रान खान सावधान होते तो यह नौबत नहीं आती, ऐसा दावा पाकिस्तान की विरोधी पक्ष नेता मरियम नवाझ ने किया हैं| पाकिस्तान के कट्टरपंथी विशेषज्ञ भी इम्रान खान की सरकार पर लापरवाही का आरोप कर रहे हैं| कम से कम अभी तो पाकिस्तान भारत को मुंहतोड़ जवाब दे, ऐसी इन कट्टरपंथि विशेषज्ञों की मांग हैं|

इस दबाव की पृष्ठभूमि पर, बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को संसद के दोनों सदनों के विशेष अधिवेशन में विरोधी पक्ष के नेताओं की कठोर आलोचना का सामना करना पड़ा हैं| इस कारण दुनिया भर में अनुचित संदेश पहुंचने का दुख पाकिस्तान के मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा व्यक्त किया गया हैं| लेकिन संसद में देर से पहुंचे प्रधानमंत्री इम्रान खान ने अपने भाषण में भारत पर दोषारोप किए| भारत कश्मीरी जनता पर अत्याचार करने का आरोप इम्रान खान ने किया| साथ ही इसके विरोध में पाकिस्तान खड़ा रहेगा, यह बताते हुए इम्रान खान ने इसके विरोध में आंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियान शुरू करने की घोषणा की हैं|

पाकिस्तानी लष्कर ने भी कोअर कमांडरों की बैठक आयोजित करते हुए भारत के निर्णय के कारण निर्माण हुई परिस्थिति पर चर्चा करने की वृत्त हैं| कश्मीर के लिए पाकिस्तान का लष्कर किसी भी हद तक जा सकता हैं, ऐसा पाकिस्तानी लष्कर के ‘इंटर-सर्विसेस पब्लिक रिलेशन्स’ (आईएसपीआर) ने कहा हैं| तो पाकिस्तान के विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी ने भारत के साथ युद्ध के लिए तैयार रहने का संदेश दिया हैं| दौरान, जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने वाला भारत आने वाले समय में पाकिस्तान के कब्जे में होने वाले कश्मीर पर कब्जा करने की गतिविधियां शुरू करेगा, ऐसी चिंता पाकिस्तान के विशेषज्ञ व्यक्त करने लगे हैं|

इसीलिए पाकिस्तान ने भारत के इस षडयंत्र को उत्तर देने के लिए व्यापक योजना बनाने की जरूरत होने का दावा इन पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने किया हैं| इनमें लष्करी सज्जता के साथ ही राजनैतिक स्तर पर किए गए प्रयत्न अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होते हैं, ऐसा इस इन विशेषज्ञों का कहना हैं| तो भारत से नफरत करने वाले कुछ कट्टरपंथियों ने तो पाकिस्तान ने कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर सीधा हमला करना चाहिए, ऐसी मांग की हैं| वैसा हुआ तो छोटा सा युद्ध आरंभ हो जाएगा और दो परमाणु हथियार धारक देशों में युद्ध रोकने के लिए आंतरराष्ट्रीय समुदाय को पहल करनी होगी, ऐसा इन कट्टरपंथियों का कहना हैं|

उसके पश्चात वैश्विक दबाव का उपयोग करते हुए भारत को कश्मीर के बारे में निर्णय वापस लेने के लिए विवश किया जा सकता हैं, ऐसा तर्क इन कट्टरपंथियों ने प्रस्तुत किया हैं| लेकिन भारत और पाकिस्तान की लष्करी शक्ति में होने वाला अंतर ध्यान में लेने का बता कर कश्मीर के प्रश्न का समाधान पाकिस्तानी लष्करी सामर्थ्य के बल पर हल नहीं किया जा सकता हैं, ऐसा कुछ समझदार विशेषज्ञ बता रहे हैं| यदि लष्करी बल पर ही इस समस्या का समाधान किया जा सकता था, तो पाकिस्तान ने इस प्रश्न को पहले ही हल कर लिया होता, ऐसा इन विशेषज्ञों का कहना हैं|

‘गिलगिट-बाल्टिस्तान’ को लडाख से जोड़कर भारत में लिया जाए-पाकिस्तानव्याप्त कश्मीर के कार्यकर्ता का निवेदन

जम्मू-कश्मीर के साथ लडाख का विशेष दर्जा हटाने वाला भारत गिलगिट-बाल्टिस्तान को न भूले, ऐसा निवेदन पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर के कार्यकर्ताओं ने किया हैं| हम भी कश्मीर का ही हिस्सा हैं और हमें भी भारत का भाग बनना हैं, ऐसा इन कार्यकर्ताओं का कहना हैं| यह मांग करते हुए उन्होंने भारत के केंद्रीय गृहमंत्री को आवाहन करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध किया हैं| यह आवाहन करने वाले कार्यकर्ता का नाम सेंगे ए. सेरिंग ऐसा होने का बताया जाता हैं|

गिलगिट-बाल्टिस्तान यह पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर का भाग हैं| यहां की जनता पर पाकिस्तान से अत्याचार किए जाते हैं और उनके मूलभूत अधिकार भी पाकिस्तान ने नामंजूर कर दिए हैं| इस कारण पिछले कुछ वर्षों से इस हिस्से का वातावरण पाकिस्तान के खिलाफ हो गया हैं इस कारण पाकिस्तान का निषेध करने वाले प्रदर्शन भी आयोजित किए जाते हैं| ऐसे कुछ प्रदर्शनों में भारत का राष्ट्रीय ध्वज लहराया जाता हैं|

कलम ३७० के बारे में भारत सरकार ने लिए निर्णय के बाद सेरिंग ने गृहमंत्री अमित शाह को गिलगिट-बाल्टिस्तान लडाख से जोड़ने का आवाहन किया हैं| यह लडाख का भूभाग होते हुए हमें भारत के संविधान से जुड़ना हैं, ऐसा सेरिंग ने कहा हैं| साथ ही इस के लिए सेरिंग ने आंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी निवेदन किया हैं|

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