पाकिस्तान ने आतंकवाद की नीति छोडी नही है – अमरिकी वरिष्ठ लष्करी अधिकारी का दावा

वॉशिंगटन / इस्लामाबाद: अफगानिस्तान के शांति प्रक्रिया में अपने देश का हित संबंध होने की बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कही है| अमरिका के विशेष दूत झाल्मे खलीलझाद इनसे चर्चा करते हुए इम्रान खान ने यह दावा किया है| उसी समय अफगानिस्तान में रक्तपात करने वाले आतंकवादियों को आज भी पाकिस्तान से सुरक्षा एवं सहायता मिलने की बात भी अमरिका के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी ने कही है| अफगानिस्तान में तालिबान का भारत के विरोध में उपयोग करने की नीति पाकिस्तान ने अब तक छोड़ी नहीं है, ऐसी चेतावनी अमरिका के लेफ्टनंट जनरल जनरल केनिथ मैकेंझी ने दी है|

पाकिस्तान, आतंकवाद, नीति, छोडी नही, अमरिकी, वरिष्ठ लष्करी अधिकारी, दावाअमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान को अफगानिस्तान के बारे में पत्र भेजा है| इस पत्र में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के लिए पाकिस्तान बहुत बड़ी सहायता कर सकता है, ऐसा विश्वास व्यक्त किया है| इससे पहले भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किए कड़ी आलोचना की वजह से अस्वस्थ हुए पाकिस्तान में इस पत्र का जोरदार स्वागत हो रहा है| तथा ट्रम्प प्रशासन ने अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए नियुक्त किये विशेष दूत झाल्मे खलिलझाद ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भेंट की| उसमें बोलते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता लौटाना पाकिस्तान के हित का होने की बातें कहकर उसपर अपना देश संपूर्ण सहयोग करेगा ऐसा आश्वासन दिया है|

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के यह विधान प्रसिद्ध होते समय अमरिका के मरीन कोअर के लेफ्टनंट जनरल केनिथ मैकेंझी ने अफगानिस्तान के बारे में पाकिस्तान की धारणा नई सरकार आने के बाद भी नहीं बदली है, ऐसा स्पष्ट किया है| अमरिकन संसद समिति के सामने बोलते हुए लेफ्टनंट जनरल मैकेंझी ने आज भी पाकिस्तान अफगानिस्तान में रक्तपात करनेवाले आतंकवादियों को आश्रय दे रहा है, यह आरोप किया है| तथा तालिबान का भारत के विरोध में उपयोग करने की धारणा पाकिस्तान ने नहीं छोड़ी है, इसकी तरफ लेफ्टनंट जनरल मैकेंझी ने ध्यान केंद्रित किया है| इसकी वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने खलिलझाद को दिया आश्वासन खोखला होता दिखाई दे रहा है|

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर आने के बाद इम्रान खान ने भारत एवं अफगानिस्तान तथा ईरान के साथ पाकिस्तान के संबंध सुधारने के लिए प्रयत्न करने की घोषणा की थी| विशेष रूप से भारत के साथ चर्चा करने के लिए इम्रान खान इनकी सरकार जान की बाजी लगा रहा हैं| पाकिस्तान की पूर्व की आतंकवादी धारणा अब सरकार आगे नहीं चलाएगी, ऐसी गवाही इम्रान खान से भारत को दी जा रही है| पर ऐसा हो कर भी भारत अपनी सरकार को अवसर देने के लिए तैयार नहीं ऐसा ढिंढोरा इम्रान खान एवं उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी कर रहे हैं| दूसरे शब्दों में इससे पहले हुए पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवादी हमले भूलकर नए से चर्चा की शुरुआत करें, ऐसा इम्रान खान ने भारत को कहा है|

प्रधानमंत्री इम्रान खान पाकिस्तान की धारणा नहीं बदल सकते, यह भारतीय विशेषज्ञों का संदेह वास्तव में होने की बात लेफ्टनंट जनरल मैकेंझी ने दर्ज किए निरीक्षण से स्पष्ट हो रही है| पाकिस्तान की भारत तथा अन्य पड़ोसी देशों के बारे में नीति लष्कर से तय करता है| फिलहाल पाकिस्तान का लष्कर अनेक कारणों की वजह से नियंत्रित हुआ है| भारत के साथ चर्चा को पाकिस्तान का लष्कर विरोध नहीं कर रहा, पर कुछ समय के बाद पाकिस्तानी लष्कर भारत को लक्ष्य करने का एक भी अवसर नहीं छोड़ेगा, ऐसा भारतीय विश्लेषकों का कहना है|

इसीलिए जबतक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देने की नीति छोडी है, यह स्पष्ट करता नही, तबतक भारत पाकिस्तान से चर्चा ना करे, ऐसी सलाह विश्लेषकों से दी जा रही है|

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