परमपवित्र भगवा ध्वज और समर्पण

परमपवित्र भगवा ध्वज और समर्पण

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग ११ संघ की स्थापना हो गयी। संघकार्य को आगे कैसे बढ़ाना है, इस बारे में डॉक्टरसाहब स्वयंसेवकों के अभिप्राय लेते रहते थे। ‘हमें सप्ताह में एक बार नहीं, बल्कि प्रतिदिन मिलना चाहिए’ ऐसा स्वयंसेवकों का ही आग्रह था। ‘यह मुलाकात कहाँ पर और किस प्रकार करनी हैं, यहाँ पर कौन-सा […]

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काशी भाग- ४

काशी भाग- ४

काशी के अधिकतम चित्रों में गंगाकिनारे के घाट और उन घाटों पर रहनेवाली विशेषतापूर्ण छत्रियाँ दिखायी देती हैं। दरअसल वाराणसी-काशी में गंगाजी के तट पर घाटों का निर्माण किया गया, वह मनुष्यों की सहूलियत के लिए; क्योंकि काशी आनेवालें और काशी में बसनेवालें पवित्र गंगाजी में स्नान तो अवश्य करेंगे ही। १२वी सदी के गाहडवाल […]

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‘जेएनयु’ के सन्दर्भ में दिल्ली पुलीस का अहवाल

‘जेएनयु’ के सन्दर्भ में दिल्ली पुलीस का अहवाल

छात्र संगठन के नेता ‘कैलाश कुमार’ की, देशविरोधी कारनामों के कारण की गयी गिरफ़्तारी को लेकर विवाद के जारी रहते ही, दिल्ली पुलीस ने इस सन्दर्भ में बहुत ही संवेदनशील अहवाल तैयार किया होने की बात स्पष्ट हुई है। इस अहवाल की जानकारी कुछ समाचारपत्रों में प्रकाशित की गयी होकर, ‘डेमोक्रॅटिक स्टुडंट्स युनियन’ (डीएसयू), ‘डेमोक्रॅटिक […]

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केशवगाथा

केशवगाथा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग ८ समय के विभिन्न कालखंडों में हमारे देश में महापुरुषों का जन्म हुआ। हमारी यह मातृभूमि नररत्नों की खान है। ऐसे नररत्नों का स्मरण यह प्रेरणा का अखंड़ स्रोत साबित होता है। उनके जीवनचरित्र का अध्ययन सदैव हमारा मार्गदर्शन करता रहता है। आज हम ऐसे ही एक युगप्रवर्तक महापुरुष का […]

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नेताजी – १०

नेताजी – १०

सन १९१५ में हुए इंटर की परीक्षा के निराशाजनक नतीजे से बेचैन होकर, कम से कम अगले दो सालों तक तो मन लगाकर बी.ए. की पढ़ाई करने का सुभाष ने तय किया था। लेकिन यह बात होनेवाली नहीं थी। शुरुआती कुछ दिनों में सुभाष ने अच्छी पढ़ाई की। लेकिन सन १९१६ की शुरुआत से नियति […]

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भक्ति का अर्थ

भक्ति का अर्थ

प्रथम अध्याय के मुख्य कथा का आरंभ करने से पहले हेमाडपंत भक्ति की व्याख्या एवं शद्ब स्व-धर्म का विवेचन करते हैं। शास्त्र में ‘अनुबन्धचतुष्टय’ सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण होता है। अभिधेय, प्रयोजन, संबंध एवं अधिकारी इन चार बातों को अनुबन्धचतुष्टय कहते हैं। अभिधेय यानी मुख्य विषय, जिसके बारे में बात करना है वह होता है मुख्यार्थ। […]

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कोलकाता

कोलकाता

हिमालयस्थित गंगोत्री में उद्गमित होनेवाली गंगानदी जहॉं सागर में मिलती है, उस पश्चिम बंगाल का एक महानगर है, कोलकाता| पश्चिम बंगाल की राजधानी होनेवाले कोलकाता शहर का इतिहास बड़ा ही रोचक है| महानगर के रूप में विख्यात आज के इस कोलकाता शहर के स्थान पर पुराने जमाने में सूतानाति, कोलिकाता और गोविन्दपुर ये तीन गॉंव […]

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