ईरान पर अधिक सख़्त निर्बंध लगाने की अमरीका की चेतावनी

न्यूयॉर्क/तेहरान,  (वृत्तसंस्था) – ‘लाँग-रेंज क्षेपणास्त्रों का परीक्षण करके ईरान ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों का उल्लंघन किया है। अत एव सुरक्षा परिषद फ़ौरन ईरान पर लगायें निर्बंधों की कालावधि बढ़ायें। अन्यथा, अब लक कभी भी लादे नहीं होंगे, इतने सख़्त निर्बंध अमरीका ईरान पर थोंपेगी’, ऐसी कड़ी चेतावनी अमरीका के विशेषदूत ब्रायन हुक ने दी है।

अमरीका ने ईरान के लिए नियुक्त किये विशेषदूत ब्रायन हुक ने अमरीका के अग्रसर अख़बार में लिखे आर्टिकल में, ईरान पर के निर्बंध बरक़रार रहें, इसलिए अमरीका ज़ोरदार प्रयास करनेवाली है, ऐसा कहा है। ईरान को निर्बंधों से छूट ना मिलें, इसके लिए अमरीका ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में पृष्ठपोषण किया होने की जानकारी हुक ने दी। ईरान पर निर्बंधों का शिकंजा कसने के लिए अमरीका ने राजनैतिक स्तर पर प्रयास शुरू किये होकर, इस संदर्भ में ब्रिटन, फ्रान्स और जर्मनी से चर्चा शुरू होने की जानकारी हुक ने दी।

निर्बंधों के इस प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद के १५ सदस्यों का समर्थन प्राप्त करना मुश्किल है, यह हुक ने मान्य किया। क्योंकि सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों के पूर्ण समर्थन के साथ ही, स्थायी सदस्यों का समर्थन प्राप्त करना बहुत ही मुश्किल है, ऐसा हुक ने कहा। लेकिन अमरीका के इस प्रस्ताव पर नकाराधिकार (वेटो) का इस्तेमाल किया गया, तो इन निर्बंधों को नये से लादने की तैयारी भी स्वतंत्र रूप से अमरीका ने की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अब तक लादे हुए सभी निर्बंध एकत्रित रूप में पुन: नये से ईरान पर लादे जायेंगे, ऐसी चेतावनी हुक ने दी।

पिछले महीने ईरान ने उपग्रह प्रक्षेपित किया था। लेकिन यह प्रक्षेपण यानी लाँग-रेंज क्षेपणास्त्र का परीक्षण होने का आरोप अमरीका और ब्रिटन ने किया था। यह परीक्षण करके ईरान ने सन २०१५ में किए परमाणुसमझौते का उल्लंघन किया होने का दोषारोपण अमरीका ने रखा। इस कारण, सुरक्षा परिषद ईरान पर के निर्बंधों की कालावधि को बढ़ायें, ऐसी माँग अमरीका ने की है। लेकिन इस परमाणुसमझौते से बाहर निकली हुई अमरीका इस समझौते के मुद्दों पर ना बोलें, ऐसी आलोचना ईरान ने की है।

इसी बीच, रशिया में ईरान के राजदूत ने अमरीका को युद्ध की धमकी दी है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प अमरिकी काँग्रेस की अनुमति बग़ैर ईरान के ख़िलाफ़ युद्ध का ऐलान नहीं कर सकते, ऐसा प्रस्ताव पारित किया गया था। लेकिन पिछले हफ़्ते, वेटो का इस्तेमाल करके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने काँग्रेस का यह निर्णय खारिज कर दिया। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के इस निर्णय की रशिया में ईरान के राजदूत काझेम जलली ने आलोचना की। अमरीका ने यदि ईरान के विरोध में कोई भी लष्करी कार्रवाई की, तो ईरान से उसका क़रारा जवाब दिया जायेगा, ऐसी धमकी जलली ने दी है।

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