‘विक्रम लैंडर’ का नुकसान नही हुआ है – इस्रोने किया ऐलान

बंगळुरू – ‘चांद्रयान-२’ मुहीम के आखरी क्षण पर रास्ते से हटने के बाद संपर्क से भी बाहर हुआ विक्रम लैंडर सुस्थिती में है और उसका नुकसान नही हुआ है, यह जानकारी इस्रोने दी है| लेकिन, लैंडर फिलहाल एक ओक झुका हुआ दिख रहा है और इसका और नियंत्रण केंद्र एवं ऑर्बिटर का अभी तक संपर्क स्थापित नही हुआ है, यह बात इस्रो ने सोमवार के दिन घोषित की| लेकिन, अभी भी लैंडर से संपर्क बनाने की ७० प्रतिशत संभावना कायम है और मुहीम अभी शुरू है, यह स्पष्ट संदेश भी इस्रो ने देश को दिया है|

अभी तक किसी भी देश ने अपना यान जहां पर नही उतारा है, ऐसे चांद के दक्षिण ध्रुविय क्षेत्र पर रोबोटीक लैंडर और रोव्हर उतार ने का प्लैन भारत ने किया था| लेकिन, शनिवार की सुबह चंद्रमा पर उतरने से महज २.१ किलोमीटर दूरी पर पहुंचा विक्रम लैंडर तय मार्ग से हट गया और उसका और नियंत्रण केंद्र का संपर्क टुट गया| इससे देश में निराशा का माहौल बना| लेकिन, भारतीय वैज्ञानिकों की इस कठिन मिशन की दुनिया भर से सराहना हो रही है|

लेकिन, विक्रम लैंडर का पता लगने की जानकारी देकर इस्रोने रविवार के दिन देशावासियों की उम्मीद जगाई थी| इस्रो के वैज्ञानिकों की कडी मेहनत लैंडर से संपर्क टुटने की वजह से पूरी तरह से कामयाब हो नही सकी है, फिर भी यह मुहीम ९५ प्रतिशत कामयाब रही है| ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में काम कर रहा है और इसी ऑर्बिटर ने अपने अतिउच्च कैमेरे से खिंचे थर्मल फोटो से लैंडर की खोज हुई थी|

यह फोटो और जानकारी का विश्‍लेषण करने के बाद चंद्रमा पर विक्रम लैंडर उतरा है और उसकी किसी भी प्रकार की हानी नही हुई है| विक्रम का हार्ड लैंडिंग हुआ होगा, यह संभावना व्यक्त की जा रही है| विक्रम लैंडर एक ओर झुका हुआ दिख रहा है, यह जानकारी इस्रो ने दी है|

इस्रो को लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग होने की उम्मीद थी| अब लैंडर की स्थिति का अध्ययन करते समय उससे दुबारा संपर्क बनाने की कोशिश हो रही है| लैंडर झुका होने के बावजूद उसका एंटेना ऑर्बिटर की दिशा में है और इससे लैंडर से संपर्क बनाने की उम्मीद अभी जीवित है| सद्य स्थिति में लैंडर से संपर्क होने की ६० से ७० प्रतिशत संभावना होने की जानकारी इस्रो ने दी है|

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