लद्दाख में चीन की सेना की घुसपैठ नही – सेनाप्रमुख जनरल रावत

नई दिल्ली – लद्दाख में चीन की सेना ने घुसपैठ करने की खबरें हाल ही में प्रसिद्ध हुई थी| माध्यमों में इससे जुडे दावे प्रसिद्ध होने पर चिंता भी व्यक्त की जा रही थी| ऐसे में भारतीय सेना ने चीन की घुसपैठ का यह समाचार ठुकराया है| लेकिन, सेना के खुलासे बाद भी इस पर अविश्‍वास दिखानेवालों को लेकर सेनाप्रमुख बिपीन रावत ने कडी नाराजगी व्यक्त की है| साथ ही लद्दाख में घुसपैठ नही हुई है और वहां की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में होने का भरोसा लष्करप्रमुख ने दिलाया है|

जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में चीन के सैनिकों ने घुसपैठ करके वहां पर डेरा जमाया है, यह दावे माध्यमों में प्रसिद्ध हुए थे| इन में सच्चाई नही है, यहबात सेनाप्रमुख ने स्पष्ट की| ‘लद्दाख की सीमा के निकट चीन के सैनिक हमेशा की तरह गश्त करते है| इस दौरान स्थानिय तिब्बतीयों ने दलाई लामा के ८४ वे जन्मदिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया था| इस दौरान क्या हो रहा है, यह देखने के लिए कुछ चिनी पहुंचे थे| लेकिन वह वापिस लौट चुके है और वहां की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है’, यह सेनाप्रमुख ने कहा|

भारतीय सेना ने इस घटना की जानकारी देने के बाद भी इस पर अविश्‍वास दिखाया जा रहा है| इस बात पर जनरल रावत ने कडी नाराजगी व्यक्त की| इस दौरान, कारगिल युद्ध को २० वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में बोलते समय जनरल रावत ने पाकिस्तान को कडी चेतावनी दी| पाकिस्तान ने फिर से हिम्मत दिखाई तो उसकी कडी सजा पाकिस्तान को भुगतनी होगी, यह इशारा जनरल रावत ने दिया है| समय समय पर पाकिस्तान की सेना भारत के विरोध में कार्रवाई करती रहती है| लेकिन, अपने देश की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना जरूरी कार्रवाई करने के लिए तैयार है और पाकिस्तान की हरकतों पर करारा जवाब देकर उनका मुखभंग किया जाएगा, यह इशारा सेनाप्रमुख ने दिया|

पाकिस्तान के ‘बालाकोट’ में भारत ने किए हवाई हमलें से पाकिस्तान को सबक सिखाने का सियासी स्तर पर रखा गया संकल्प स्पष्ट हुआ, इसका एहसास भी सेनाप्रमुख ने कराया| भारतीय सेना अहम स्तर पर है, यह कहकर आगे चलकर अंतरिक्ष और सायबर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भी जरूरी क्षमता प्राप्त करने की तैयारी शुरू होने के संकेत जनरल रावत इन्होंने अपने भाषण में दिए| कुछ दिन पहले संसद में रखी गई जानकारी के नुसार बालाकोट के हवाई हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में हो रही आतंकियों की घुसपैठ में बडी कमी हुई है|

वर्ष २०१६ में भारतीय सेना ने ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ और पुलवामा में हुए आतंकी हमलें के बाद ‘बालाकोट’ में हवाई हमला करने से पाकिस्तान डर चुका है| आतंकी गतिविधियों पर भारत से ऐसा जवाब प्राप्त हो रहा है, यह समझ ने के बाद पाकिस्तान की सेना अपने दांवों में बदलाव करने पर विवश हुई है|

इसके आगे आतंकी हमला भारत के करारे प्रतिहमलें की तैयारी के साथ ही करना होगा, इसका एहसास पाकिस्तान की सेना को हुआ है| साथ ही पाकिस्तान यह आतंकी देश होने का भारत ने किया राजनयिक प्रचार पाकिस्तान का बडा नुकसान कर रहा है| इस वजह से भारत में आतंकी कार्रवाई को अंजाम देते समय पाकिस्तान को अब अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिमा का भी विचार करना होगा और इसके आर्थिक परिणाम भी भुगतने होंगे, इस बात का कडा एहसास पाकिस्तान को हुआ है|

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