नए आर्थिक संकटों के बीज बोए जा रहे हैं – अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की बैठक में अर्थशास्त्री की गंभीर चेतावनी

Third World Warजकार्ता – अमरीका-चीन व्यापार युद्ध, अमरिका में बढ़ते ब्याज दर और उभरती अर्थव्यवस्था में मुद्रा की गिरावट इससे अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में नये संकटों के बीज बोए जा रहे हैं, ऐसी चेतावनी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की बैठक में दी गई है। मुद्राकोष के प्रमुख क्रिस्तिन लैगार्ड ने वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार में इतनी बड़ी अनिश्चितता पहले कभी नहीं आई थी इतनी बड़ी मात्रा में आई है, ऐसी चेतावनी दी है और उसमें से आर्थिक संकट का खतरा बढ़ने की चेतावनी भी दी गई है।

इसके पहले सन २००८ में आई आर्थिक मंदी को पिछले महीने में १० साल पूरे हुए हैं। इस पृष्ठभूमि पर वैश्विक अर्थव्यवस्था में फिर एक बार मंदी के संकेत मिल रहे हैं, ऐसा अर्थशास्त्री और विश्लेषक कह रहे हैं। इंडोनेशिया में अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष और वैश्विक बैंक की संयुक्त बैठक में भी इसी मुद्दे पर चर्चा हुई है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, चेतावनी, क्रिस्तिन लैगार्ड, अर्थव्यवस्था, आर्थिक संकट, व्यापार युद्ध, जकार्ता, गेम ऑफ़ थ्रोंसलैगार्ड ने इसके पहले आए आर्थिक संकटों के क्या कारण थे, इस तरफ वैश्विक समुदाय नजरअंदाज कर रहा है, इसका एहसास कराया है। ‘अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भुराजकीय तनाव बड़े पैमाने पर दिखाई दे रहा है। और उसी समय व्यापारी स्तर पर सुरक्षावादी नीतियों को समर्थन बढ़ रहा है। इन दोनों के संयोग से बहुत ही भयानक स्थिति आकार ले रही है ऐसा दिखाई दे रहा है। उसे टालना है तो उचित सतर्कता यही उपाय है’, ऐसा लैगार्ड ने कहा है।

मुद्राकोष के उपमहाव्यवस्थापक ‘ताओ झेंग’ ने अमरिका-चीन व्यापार युद्ध के मुद्दे पर जोर दिया। व्यापार युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर आपूर्ति अव्यवस्थित हो सकती है और उस वजह से अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का विकास दर एक प्रतिशत से नीचे आ सकता है, ऐसी चेतावनी झेंग ने दी है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने इससे पहले व्यक्त की आर्थिक भविष्यवाणी में भी बदलाव किया है और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास दर ०.२ प्रतिशत से बदलने के संकेत दिए हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, चेतावनी, क्रिस्तिन लैगार्ड, अर्थव्यवस्था, आर्थिक संकट, व्यापार युद्ध, जकार्ता, गेम ऑफ़ थ्रोंसजापान के मध्यवर्ती बैंक के प्रमुख ‘हारूहिको कुरुदा’ ने व्यापारी युद्ध के साथ साथ उभरती अर्थव्यवस्था में हो रही उथल पुथल और कुछ देशों पर बढा कर्ज का बोझ इन मुद्दों की तरफ ध्यान आकर्षित किया है। व्यापार में सुरक्षावादी नीतियों का प्रमाण बढ़ गया है। और अर्थव्यवस्था अधिक संकुचित जा रही है, ऐसा दावा कुरुदा ने किया है। अंतर्राष्ट्रीय शेअर बाजारों को हाल ही में लगा बड़ा झटका, कुछ देशों ने बढ़ाया हुआ कर्ज का बोज, राजनीतिक खतरे और व्यापारी स्तर पर तनाव जैसे घटक आर्थिक संकट के लिए कारण साबित हो सकते हैं, ऐसा कुरुदा ने कहा है।

इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष जोको विदोदो ने व्यापार युद्ध की तुलना ‘गेम ऑफ़ थ्रोंस’ इस प्रसिद्ध धारावाहिक के साथ किया है। हारने वालों के साथ साथ जितने वालों को भी कीमत चुकानी पड़ सकती है, इन शब्दों में आर्थिक संकट के संकेत दिए हैं।

पिछले महीने में ब्रिटन के भूतपूर्व प्रधानमंत्री गोर्डन ब्राउन ने, ‘विश्व नींद में चलने की तरह नई आर्थिक मंदी की तरफ चलते जाने का खतरा अधिक बढ़ गया है और उस वजह से होने वाला नुकसान जबरदस्त तीव्र होगा’, ऐसा कहा है।

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