‘नए’ और ‘पुराने’ पाकिस्तान में संघर्ष शुरू

इस्लामाबाद – इम्रान खान ने इस्तीफा देने के बाद शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री चुने गए। लेकिन, तख्तापलट की यह प्रक्रिया आसानी से नहीं होगी, यह स्पष्ट दिख रहा है। क्यों कि, इम्रान खान का ‘नया पाकिस्तान’ शाहबाज शरीफ के ‘पुराने पाकिस्तान’ से घनघोर संघर्ष करने की तैयारी जुटा रहा हैं। पाकिस्तान की संसद में इम्रान खान के दल के १७४ सदस्यों ने इस्तीफा देकर हम शाहबाज शरीफ का चयन करने पाप में शामिल नहीं होंगे, यह ऐलान किया। साथ ही इम्रानखान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहोर, कराची, मुलतान, गुजरानवाला और फैसलाबाद में जोरदार प्रदर्शन शुरू किए हैं।

भ्रष्टाचार के आरोपी शाहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री पद पर चयन करने को मंजूरी नहीं देंगे, ऐसा इम्रान खान की ‘पाकिस्तान तेहरिक ए इन्साफ’ (पीटीआई) पार्टी का कहना है। यही कारण बताकर ‘पीटीआई’ के सांसदों ने सोमवार को इस्तीफे दिए। साथ ही संसद के उप-सभापति कासिम नूर ने भी इसके आगे संसद चलाने में असमर्थ होने का बयान करके अपना पद त्याग दिया। इसके बाद संसद में ‘पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़’ और ‘पाकिस्तान पिपल्स पार्टी’ (पीपीपी) गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री चुना गया।

इम्रानखान के कार्यकाल में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और राजनीतिक व्यवस्था टूट गयी है। उन्होंने पाकिस्तानी समाज में ज़हर फैलाया हैं। उसका प्रभाव कम करने के लिए काफी समय लगेगा, ऐसी आलोचना शाहबाज शरीफ ने की। इसी बीच, ‘पीटीआई’ ने शरीफ की भ्रष्ट सरकार के विरोध में प्रदर्शनों का आयोजन करके ‘पाकिस्तान की दूसरी आज़ादी’ का नारा दिया। सत्ता पर आने से पहले इम्रान खान ने ‘नए पाकिस्तान’ का ऐलान किया था। ऐसें में शाहबाज शरीफ और उनके सहयोगी ‘पुराना पाकिस्तान’ लौट आने के दावे कर रहे हैं। इस नए और पूराने पाकिस्तान के बीच अब बड़ा संघर्ष छिड़ेगा, इसके स्पष्ट आसार दिखाई देने लगे हैं।

इम्रान खान के साथ उनके करीबियों को पाकिस्तान छोड़कर भागना मुमकिन नहीं होगा, ऐसें प्रावधान किए जा रहे हैं। इसी बीच इम्रान खान के सहयोगियों पर कार्रवाई करने की तैयारी शुरू हुई हैं, यह भी चर्चा है। ऐसी स्थिति में पीटीआई के नेता और समर्थक इसका तीव्रता से विरोध करने की बड़ी तैयारी जुटा रहे हैं।

ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में बसे पाकिस्तानी नागरिकों ने इम्रान खान के हटने पर तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के लंदन स्थिति निवास के करीब प्रदर्शन होने का वृत्त हैं। ‘नो इम्रान खान, नो रेमिटन्स’ यानी इम्रान खान नहीं हैं तो हम पाकिस्तान में पैसें नहीं भेजेंगे, यह इशारा अनिवासी पाकिस्तानी दे रहे हैं।

सत्ता प्राप्त होने के साथ ही नए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी जनता से यह कहा है कि, हम कश्‍मीर का मसला नहीं छोड़ेंगे। शरीफ घराने को प्रधानमंत्री पद प्राप्त होने के बाद भारत के साथ संबंध स्थापीत किए जाएँगे, ऐसी आलोचना इम्रानखान के समर्थक करने लगे हैं। भारत की मित्रता के लिए एवं व्यापार के लिए कश्‍मीर का मुद्दा छोड़ दिया जाएगा, ऐसें आरोप चरमपंथी विश्‍लेषक कर रहे हैं। इस वजह से दबाव का सामना कर रहें शाहबाज शरीफ कश्‍मीर मुद्दे पर यह खुलासा करने के लिए मज़बूर हुए दिख रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.