म्यांमार की सेना ने ३५ लोगों को जला दिया – मृतकों में बच्चे और महिलाओं का समावेश

यांगून – म्यांमार की सेना ने मोसो गांव के करीब लगभग ३५ लोगों को जलाकर मारने की भीषण घटना सामने आयी है। म्यांमार के स्थानीय विद्रोही गुटों ने इस घटना के फोटो और जानकारी सार्वजनिक की है। दो हफ्ते पहले ही म्यांमार की सेना ने डोन ताऊ गांव में ११ लोगों को घर से बाहर निकालकर जिंदा जलाने की दिल दहलानेवाली घटना सामने आयी थी। इसके वीडियो और फोटो प्रसिद्ध होने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया उठी थी।

जला दियाथायलैण्ड की सीमा से जुड़े कयाह प्रांत में शुक्रवार को म्यांमार की सेना ने यह अमानुष कार्रवाई की। शुक्रवार को म्यांमार सेना की टुकड़ी ‘डेमोसो टाऊनशिप’ से हप्रुसो की ओर सफर कर रही थी। इस दौरान इस टुकड़ी का स्थानीय सशस्त्र विद्रोही गुट और विस्थापित हो रहे गांववालों से सामना हुआ। इस दौरान हुए संघर्ष में विद्रोही गुटों के चार सदस्य मारे गए। इसके बाद कुछ समझने से पहले ही इस इलाके में काफी बड़ा धूँआ उठता दिखाई देने की बात विद्रोही गुटों ने कही। सेना के ड़र से शुरू में विद्रोही गुट आग से झुलस रहे इस इलाके की यात्रा नहीं कर सके।

जला दियालेकिन, शनिवार की सुबह वहां पर पहुँचने पर आठ वाहन और पांच बाईक्स पूरी तरह से जली हुई स्थिति में पाई गईं। इन वाहनों में जले हुए कई शव बरामद हुए हैं और इनमें एक बच्चे और महिलाओं का भी समावेश होने की बात विद्रोहियों ने कही है। अब तक जले हुए लगभग ३५ शव बरामद हुए हैं और वहां पर पुख्ता क्या हुआ था, इसकी जानकारी ना होने की बात सूत्रों ने स्पष्ट की। इस घटना पर विद्रोही गुट और स्थानीय लोगों की तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है और म्यांमार की सेना क्रूरता की चरमसीमा पर होने की आलोचना हो रही है।

म्यांमार की सेना के क्रूरता के कई नमूने पिछले कुछ महीनों से सामने आ रहे हैं। जुंटा हुकूमत ने म्यांमार पर कब्ज़ा करने के बाद से ऐसी घटनाएँ सरेआम हो रही हैं, ऐसा मानव अधिकार संगठनों का कहना है। कुछ महीने पहले घर में बैठी अपनी छोटी बच्ची पर और उसके पिता पर गोलियाँ चलाने की घटना भी सामने आयी थी। पिछले महीने में ही वायव्य ओर के एक गांव की बस्तियों को सेना ने आग के हवाले किया था। उससे पहले जुंटा हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन करनेवालों को आश्रय देनेवाले गांवों पर हवाई हमले करना या उन घरों के यूवा-यूवतियों को उठाकर ले जाने की घटनाएँ भी सामने आयी थीं।

फ़रवरी से जुंटा हुकूमत ने अपने खिलाफ जारी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए की हुई कार्रवाई के दौरान १,३०० से अधिक की मौतें हुई है और दस हज़ार से अधिक को गिरफ्तार किया गया है।

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