चार युवकों की हत्या के बाद पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पश्‍तूं के प्रदर्शन

जानी खेल – पश्‍तूं युवकों के क्रूर हत्याकांड़ से पाकिस्तान का खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत दहल उठा है। संतप्त पश्‍तूं जनता ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन शुरू किए हैं। पाकिस्तान की सेना और तेहरिक ए तालिबान यह आतंकी संगठन एक होकर पश्‍तूंओं की हत्या कर रहे हैं, यह आरोप स्थानीय लोग लगा रहे हैं। पाकिस्तानी सेना ने दोषीयों पर कार्रवाई नहीं की तो युवकों के शव लेकर पेशावर और बाद में राजधानी इस्लामाबाद पहुँचेंगे, ऐसा इशारा पश्‍तूं नेताओं ने दिया है।

मार्च के शुरू में पाकिस्तान के जानी खेल क्षेत्र से १३ से १७ वर्ष उम्र के चार पश्‍तूं युवक संदिग्ध तरीके से गायब हुए थे। पाकिस्तानी सेना का समर्थन प्राप्त होनेवाली तेहरिक ए तालिबान के आतंकियों ने जासूसी की आशंका से इन युवकों का अपहरण करने का आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है। इन युवकों को खोजने के लिए सुरक्षा यंत्रणा से लगातार पूछताछ करने के बावजूद कुछ भी कार्रवाई ना होने का आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है।

चार युवकों की हत्या के बाद पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पश्‍तूं के प्रदर्शनरविवार के दिन लष्करी अड्डे के पड़ोस वाले इलाके में कब्र खोदने की बात पर स्थानीय लोगों का ध्यान गया। इन कब्र को खोदने पर चारों लापता युवकों के शव बरामद हुए। इन युवकों का यौन उत्पिनड़न करके उन पर अंधाधुंध गोलियाँ चलाकर मारा गया है, ऐसा दावा स्थानीय लोग कर रहे हैं। इनमें से एक युवक के शव का सिर नहीं था, यह आरोप भी लगाया जा रहा है और इस पर स्थानीय लोगों के असंतोष का उद्रेक हुआ है।

पाकिस्तानी सेना के समर्थन वाला आतंकी ‘तेहरिक ए तालिबान’ संगठन इस हत्याकांड़ के पीछे है। पश्‍तूं जनता के अधिकारों के लिए और आज़ाद पश्‍तूनिस्तान की माँग के लिए लड़ रही ‘पश्‍तून तहफूज़ मुवमेंट (पीटीएम) के प्रदर्शन कुचलने के लिए और पश्‍तूं जनता में आतंक निर्माण करने के लिए पाकिस्तानी सेना आतंकी संगठन का इस्तेमाल कर रही है, ऐसा आरोप स्थानीय लोग लगा रहे हैं। वर्ष २००९ में पाकिस्तानी सेना ने तेहरिक ए तालिबान के खिलाफ इस क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करने का दावा किया था। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आँख में धूल झोंकने के लिए यह साज़िश रची गई थी। आज भी तेहरिक एवं अन्य आतंकी संगठनों के ठिकाने इस इलाके में होने का दावा स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर कर रहे हैं।

‘पीटीएम’ के नेताओं ने पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों के इस सहयोग की पहले ही पोल खोली थी। तेहरिक और अन्य आतंकी संगठनों के हमलों से स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती करने का दावा पाकिस्तानी सेना कर रही है। लेकिन, पश्‍तूं जनता पर अत्याचार करने के लिए, उनकी आवाज़ दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन मिलकर काम कर रहे हैं, ऐसा आरोप ‘पीटीएम’ ने लगाया है।

पश्‍तूं जनता के हक के लिए लड़ रहे पीटीएम के नेता ‘मन्जूर पश्‍तीन’ को भी पाकिस्तानी सेना ने बीते वर्ष हिरासत में लिया था। लेकिन, पश्‍तूं जनता के तीव्र प्रदर्शन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें प्राप्त हो रहे समर्थन के बाद पाकिस्तान की सरकार और सेना ने पश्‍तीन को रिहा किया था। ऐसी स्थिति में चार युवकों के अतिदुष्ट हत्याकांड़ के बाद पाकिस्तानी सेना नई मुश्‍किलों में फंसी होने का दावा किया जा रहा है।

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