रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर जर्मनी में नाटो का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू – २५ देशों के २५० विमानों के साथ १० हज़ार सैनिक शामिल

बर्लिन – रशिया-यूक्रेन युद्ध अधिक व्यापक होने के साथ ही इसकी तीव्रता बढ़ रही हैं। ऐसे में यूक्रेन के समर्थन में खड़े नाटो और मित्र देशों ने बड़ा हवाई युद्धाभ्यास शुरू किया है और अगले १२ दिनों तक यह शुरू रहेगा। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को नाटो गुट के सामर्थ्य का संदेश देना ही इस युद्धाभ्यास का इरादा होने की बात विश्लेषकों ने कही है। नाटो सदस्य देशों के साथ ही नाटो में शामिल होने की कोशिश कर रहे स्वीडन और जापान का इस युद्धाभ्यास में शामिल होना ध्यान आकर्षित कर रहा है।

‘एअर डिफेन्डर २३’ नामक इस युद्धाभ्यास की शुरुआत सोमवार १२ जून को हुई। जर्मनी के छह विभिन्न अड्डों पर २५० लड़ाकू एवं सेना के विमान दाखिल हुए हैं। नाटो सदस्य एवं मित्र देश मिलकर २५ देशों के लगभग १० हज़ार सैनिक युद्धाभ्यास में शामिल हो रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि, सीर्फ अमरीका ने ही इस युद्धाभ्यास के लिए अपने १०० विमान और दो हज़ार सैनिकों को रवाना किया है। जर्मनी के नेतृत्व में आयोजित हो रहा यह युद्धाभ्यास नाटो के इतिहास का सबसे बड़ा हवाई युद्धाभ्यास होने का दावा अधिकारी कर रहे हैं।

इस युद्धाभ्यास में नाटो के साथ अन्य मित्र देशों की वायु सेना का एक-दूसरे के साथ समन्वय, ड्रोन विरोधी संघर्ष एवं शहर, हवाई अड्डे और बंदरगाहों पर हुए मिसाइल हमले के विरोधी तैयारी का अभ्यास किया जाएगा, ऐसी जानकारी जर्मन अधिकारी ने प्रदान की। रशिया-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन की हवाई क्षमता सबसे कमज़ोर समझी जा रही है। इस वजह से यूक्रेन लगातार उन्नत लड़ाकू विमानों की मांग कर रहा हैं। कुछ दिन पहले ही यूरोपिय देशों के साथ अमरीका ने यूक्रेन को ‘एफ-१६’ लड़ाकू विमान प्रदान करने की तैयारी दर्शायी है। इसके मद्देनज़र नाटो ने व्यापक हवाई युद्धाभ्यास का आयोजन करना ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

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