भारत-रशिया सहयोग बढाने के लिए हुआ अहम समझौता

मास्को – रशिया से भारत को प्रदान हो रहे रक्षा सामान के रखरखाव एवं दुरूस्ती के साथ पुर्जों की सप्लाई करने के मुद्दों पर अहम समझौता हुआ है| इसके अनुसार रशिया से भारत को प्रदान हो रहे हथियारों की बिक्री के बाद सहयोग करने के लिए स्वतंत्र कार्यगुटों का निर्माण किया जाएगा| रक्षामंत्री राजनाथ सिंग और रशिया के रक्षामंत्री सर्जेई शोईगु के बीच हुई बातचीत के बाद संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर हुए|

मंगलवार के दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंग रशिया पहुंचे थे| तीन दिनों की उनकी इस यात्रा के दौरान भारत-रशिया द्विपक्षीय सहयोग से जुडे कई मुद्दों पर बातचीत होने की जानकारी सूत्रों ने दी| इसमें इंडिया रशिया इंटर गव्हर्नमेंटल कमिशन ऑन मिलिटरी ऍण्ड टेक्निकल को-ऑपरेशन’ (आयआरआयजीसी-एम ऍण्ड एमटीसी) की बैठक का भी समावेश था| इस बैठक के दौरान रशियन रक्षामंत्री के साथ हुई बातचीत के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए|

यह समझौता भारत की मेक इन इंडिया को मजबूती देनेवाला अहम स्तर के तौर पर जाना जा रहा है| रशिया ने भारत की रक्षा क्षमता बढाने के लिए सभी तरह की सहायता प्रदान करने का वादा इस समझौते के जरिए किया है| रशिया से भारत को प्राप्त हो रहे रक्षा सामान के पुर्जे एवं अन्य सामान का निर्माण आगे से भारत में ही होगा, यह जिक्र भी इस समझौते में है| इसके लिए दोनों देशों की संयुक्त परियोजनाओं का निर्माण होगा|

राजनाथ सिंग इनकी यात्रा में रशिया ने इंडिया रशिया रायफल्स प्रायव्हेट लिमिटेड की परियोजना भी जल्द ही शुरू करने का वादा किया है| इस परियोजना में एके-२०३रायफल्स का निर्माण होगा| रशिया ने भारत को करीबन ७.५ लाख रायफल्स तैयार करने की अनुमति दी है| भारत और रशिया की रक्षा सहयोग और भी मजबूत करने के लिए अलग अलग कदम उठाने पर सहमति बनी है और इसमें वर्ष २०२१ से २०३० के दशक के लिए सहयोग की निती तय करने का निर्णय किया गया है|

भारत के लिए छह पनडुब्बियों का निर्माण करने की परियोजना का हिस्सा होने के लिए रशिया ने रुचि दिखाई है| भारतीय वायुसेना के बेडे में मौजूद सुखोई ३० एमकेआयको और भी प्रघत करने की तैयारी भी रशिया ने दिखाई है| भारत ने रशिया को एस-४००मिसाइल यंत्रणा प्रदान करने की प्रक्रिया गतिमान करने का निवेदन किया है| रशिया यह भारत को सबसे ज्यादा रक्षा सामान प्रदान करनेवाले देश के तौर पर जाना जाता है|

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