अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की ओर से जेरूसलेम इस्त्रायल की राजधानी घोषित

वॉशिंग्टन: ‘जेरूसलेम’ को इस्त्रायल की राजधानी घोषित कर के अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पूरी दुनिया में खलबली मचाई है। यह ऐतिहासिक निर्णय साबित हुआ है। अमरिका और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस के पहले ही यह निर्णय लेना चाहिए था, ऐसा कहकर ट्रम्प ने इस निर्णय का समर्थन किया है। इस्त्रायल ने इस निर्णय का स्वागत किया है। फिलिस्तीन की जनता ने सडकों पर उतरकर इसका निषेध किया है। फिलिस्तीन में कई जगहों पर आगजनी हुई है और आने वाले समय में इस पर और भी तीव्र प्रतिक्रिया आने की संभावना है।

इस्त्रायल की राजधानी

‘व्हाईट हाउस’ में इस निर्णय की घोषणा करते समय, ट्रम्प ने इस संदर्भ में अमरिका के भूमिका की याद दिलाई है। ‘सन १९९५ में ही जेरूसलेम को इस्त्रायल की राजधानी घोषित करने का निर्णय अमरिकी संसद ने लिया था। उस दौरान बिल क्लिंटन अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष थे। उन्होंने और उनके बाद राष्ट्राध्यक्ष बने जॉर्ज बुश और बराक ओबामा ने इस निर्णय को लागू करने की तरफ नजरअंदाज किया था। लेकिन अपने चुनाव प्रचार में इस निर्णय को लागू करने का आश्वासन दिया जा रहा था। लेकिन मै इस बारे में दिया हुआ आश्वासन पूरा कर रहा हूँ,’ ऐसा कहकर ट्रम्प ने जेरूसलेम को इस्त्रायल की राजधानी के तौर पर अमरिका मान्यता दे रहा है यह घोषणा की।

किंग डेविड ने ३००० साल पहले जेरूसलेम को स्थापित किया था। उसके बाद दुनिया भर जेरूसलेम दुनिया भर के ज्यू धर्मियों का श्रद्धास्थान बन गया। अमरिका और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस समस्या की तरफ नजर अंदाज करने की वजह से जेरूसलेम इस्त्रायल की राजधानी नहीं बन सकी। लेकिन अब अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष यह घोषणा कर रहे हैं, ऐसा कहकर अमरिका में स्थित ज्यू धर्मियों के समूह ने उसका स्वागत किया है। इस्त्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने ट्रम्प के आभार प्रकट किए हैं। यह बहुत ही साहस भरा और न्यायिक निर्णय है, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा है। इस्त्रायल में इस निर्णय पर आनंद प्रकट किया जा रहा है। उसी दौरान फिलिस्तीन के भूभाग से कठोर प्रतिक्रिया आ रही है।

फिलिस्तीन के राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास ने ट्रम्प का निर्णय घातक है, ऐसा कहकर इस वजह से अमरिका ने फिलिस्तीन के विवाद में मध्यस्थ करने की क्षमता गंवाई है, ऐसी टीका की है। फिलिस्तीन का कठोर संगठन माने जाने वाले हमास ने इस पर कड़ी टीका की है और अब फिलिस्तीन की जनता का नया आन्दोलन भड़केगा, ऐसा घोषित किया है। फिलिस्तीन क्षेत्र के वेस्ट बॅंक के पास स्थित स्कूल और कॉलेज बंद रखे गए हैं और छात्र सडकों पर उतरकर निषेध प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ जगहों पर आगजनी और पत्थरबाजी भी शुरू हुई है। अमरिका और इस्त्रायल के खिलाफ घोषणा देकर फिलिस्तीन के युवा अपनी नाराजगी जाता रहे हैं।

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