अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के लिए स्वतंत्र गुप्तचर यंत्रणा स्थापित करने वाले हैं- ऑनलाइन वृत्तसंस्था का दावा

वॉशिंग्टन: ‘सीआईए’ के प्रमुख माइक पॉम्पिओ ने ऐसी गुप्तचर यन्त्रणा स्थापन करने की तैयारी की है, जिसका नियंत्रण पूरी तरह से अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के हाथों में होगा। इस के लिए ‘ब्लैकवाटर’ इस निजी सुरक्षा कंपनी के प्रमुख ‘एरिक प्रिंस’ की सहायता ली जा रही है। दुनिया की सबसे प्रभावशाली मानी जाने वाली अमरिकी गुप्तचर संस्था ‘सीआईए’ राष्ट्राध्यक्ष के बजाय ‘डिप स्टेट’ अर्थात अवैध सत्ता केंद्र के कब्जे में है, इसलिए इस नई यंत्रणा की आवश्यकता लग रही है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

गुप्तचर यन्त्रणा

‘द इंटरसेप्ट’ इस ऑनलाइन वृत्तसंस्था ने यह दावा किया है और अमरिका साथ ही यूरोप की प्रमुख मीडिया ने इस खबर पर जोर दिया है। ‘ब्लैकवाटर’ के एरिक प्रिंस साथ ही भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष रोनाल्ड रिगन के सुरक्षा सलाहकारों के समूह में काम किए हुए ‘ओलिवर नॉर्थ’ ने निजी गुप्तचर यंत्रणा तैयार करने की योजना रखी है, ऐसा इस वृत्तसंस्था ने कहा है। ‘सीआईए’के प्रमुख पॉम्पिओ ने इस योजना के लिए लॉबिंग करने का दावा भी इस में किया गया है।

“’सीआईए’ के अधिकारी वर्ग पर प्रमुख पॉम्पिओ का भरोसा नहीं है”, यह जानकारी इस वृत्तसंस्था ने सूत्रों के हवाला से प्रसिद्द की है। व्हाईट हाउस द्वारा बनाई गयी मुहिमों में ट्रम्प के विरोधकों की ओर से अथवा ‘डिप स्टेट’ की ओर से इस अधिकारी अथवा एजेंट्स के जरिए रुकावटें डाली जा सकती हैं। इस बात को टालने की जिम्मेदारी ब्लैकवाटर की निजी गुप्तचर यंत्रणा पर होगी। साथ ही इस यंत्रणा के गुप्तचरों को ईरान, उत्तर कोरिया जैसे देशों में विशेष मुहिमों के लिए भी रवाना किया जाएगा, ऐसा दावा इस वृत्तसंस्था ने किया है। इस मामले में सभी अधिकार राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और सीआईए प्रमुख पॉम्पिओ के पास केन्द्रित होंगे।

‘द इंटरसेप्ट’ ने प्रसिद्द की हुई खबर व्हाईट हाउस, ‘सीआईए’ साथ ही ब्लैकवाटर ने स्पष्ट शब्दों में ख़ारिज की है। इस प्रकार की कोई भी गतिविधि शुरू नहीं हैं, ऐसा व्हाईट हाउस की प्रवक्ता साराह हुकाबी ने कहा है। इस वृत्तसंस्था को गलत सूत्रों का उल्लेख करके झूठी ख़बरें प्रसिद्द करने की आदत है, ऐसी टीका ‘सीआईए’ के अधिकारी ने की है। ‘ब्लैकवाटर’ ने भी इन दावों को ख़ारिज किया है।

अमरिका के वरिष्ठ अधिकारीयों का एक समूह राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ गया है और ‘डिप स्टेट’ के प्रभाव वाला यह समूह ट्रम्प को परेशानी में डालने का मौका ढूंढ रहा है, ऐसा भी उनके समर्थकों का कहना है। ऐसी परिस्थिति में राष्ट्राध्यक्ष की स्वतंत्र गुप्तचर यंत्रणा की खबर अमरिका में चल रहे अंतर्गत संघर्ष पर रौशनी डालने वाली है।

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