जापान के प्रधानमंत्री अ‍ॅबे का रशिया दौरा

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जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अ‍ॅबे ने शुक्रवार को रशिया का दौरा किया। रशिया के सोची शहर में अ‍ॅबे ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन से मिलकर कुछ महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की होने की जानकारी दोनो देशों के आधिकारियों ने दी। इसमें दोनों देशों के लिए विवादास्पद रहनेवाले ‘कुरिल आयलंड’ के मुद्दे का भी समावेश था। दोनों देशों के लिए इस मुद्दे पर नये दृष्टिकोण का स्वीकार करने की आवश्यकता है, इस बात पर दोनों देशों का एकमत हुआ होने की बात कही जा रही है। युक्रेन के मुद्दे को लेकर रशिया पर निर्बंध थोंपे जाने के बाद पहली ही बार जापानी प्रधानमंत्री रशिया गये हैं।

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अ‍ॅबे पिछले हफ़्ते से युरोप दौरे पर होकर, इसी दौरे में वे रशिया का भी दौरा करेंगे ऐसा बताया जा रहा था। दोनों देशों के विदेशमंत्रियों ने इस ख़बर को सही बताया था। रशिया एवं अमरीका के बीच के तनावपूर्ण संबंध और रशिया का चीन के साथ बढ़ता दोस्ताना इस पार्श्वभूमि पर यह दौरा महत्त्वपूर्ण माना जा रहा था।

रशिया एवं जापान ने अभी भी दूसरे विश्वयुद्ध के बाद के शांति-समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान रशिया ने कुरिल आयलंड क्षेत्र के चारों द्वीपों पर कब्ज़ा कर लिया था। जापान ने, इन चारों द्वीपों का कब्ज़ा पुन: अपने पास देने की माँग की है। लेकिन इनमें से दो ही द्वीपों का कब्ज़ा लौटा देने की तैयारी रशिया ने दर्शायी है। दो महीनें पहले ही, रशिया ने इन द्वीपों पर नयी प्रगत क्षेपणास्त्र यंत्रणा तैनात करने की घोषणा की थी। इससे दोनों देशों के बीच के संबंध पुन: एक बार तनावपूर्ण बन गये थे।

इसी कारण जापानी प्रधानमंत्री द्वारा रशिया जाकर राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के साथ मुलाक़ात की जाना महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री अ‍ॅबे ने इससे पहले सन २०१३ में रशिया का दौरा किया था। उससे पहले पूरे दस सालों में किसी भी जापानी प्रधानमंत्री ने रशिया का दौरा नहीं किया था। लेकिन बाद में, रशिया द्वारा क्रिमिआ में की गयी दख़लअंदाज़ी के बाद, अ‍ॅबे ने पश्चिमी देशों की भूमिका का समर्थन कर, रशिया पर निर्बंध थोंपे थे।

जापान द्वारा रशिया पर थोंपे गये निर्बंधों के बावजूद भी, पिछले साल से दोनों देशों के बीच के संबंधों में कुछ अंशों तक सुधार आना शुरू हुआ था। अपने अतिपूर्व के क्षेत्र का विकास करने के लिए जापान का सहयोग महत्त्वपूर्ण होने के संकेत रशिया ने दिए थे। जापानी कंपनियाँ रशिया में खुलकर निवेश करें, ऐसा आवाहन भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया था। शुक्रवार को हुई चर्चा में जापानी प्रधानमंत्री ने, रशिया के साथ किये जा सकनेवाले सहयोग के आठ मुद्दों का समावेश रहनेवाली विशेष योजना प्रस्तुत की।

इस योजना में, रशिया के अतिपूर्व के क्षेत्र का विकास, ईंधनक्षेत्र में सहयोग, स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों के लिए सहायता इन जैसी बातों का समावेश है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने भी जापान के साथ व्यापार एवं अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सहयोग, इन्हें और भी बढ़ाने का प्रस्ताव सामने रखा होने की जानकारी रशियन सूत्रों ने दी। रशिया-जापान सहयोग में ‘कुरिल आयलंड’ का मुद्दा रुक़ावट नहीं बनेगा, ऐसा यक़ीन दोनों देशों ने दिलाया है।

जापानी प्रधानमंत्री के इस रशिया दौरे को अमरीका ने कड़ा विरोध दर्शाया था। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने इस दौरे पर खुलेआम नाराज़गी ज़ाहिर की थी। फिर भी अ‍ॅबे द्वारा रशिया का दौरा किया जाना, यह बात लक्षणीय साबित हुई है। उसी समय, रशिया की चीन के साथ रहनेवाली बढ़ती मित्रता को मद्देनज़र रखते हुए, जापानी प्रधानमंत्री द्वारा रशिया का दौरा किया जाना, यह बात आश्चर्यकारक रहने का दावा कुछ विश्लेषक कर रहे हैं।

One Response to "जापान के प्रधानमंत्री अ‍ॅबे का रशिया दौरा"

  1. Rakesh Deshpande   May 11, 2016 at 1:38 pm

    Japan and Russia leaders meet.Signs of World leaders Polarization!!!!

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