इस्राइल-पैलेस्टिनियों का संघर्ष हुआ तीव्र – चिंता जता रही अमरीका को इस्राइल ने लगाई फटकार

जेरूसलम/वॉशिंग्टन – जेरूसलम में बीते दो दिनों से जारी इस्राइली पुलिस और पैलेस्टिनी प्रदर्शनकारियों क संघर्ष सोमवार के दिन अधिक तीव्र हुआ। कुछ घंटे के इन प्रदर्शनों के दौरान ३०० से अधिक घायल हुए हैं और २०६ लोगों को अस्पतालों में दाखिल किया गया है। इसी बीच बीते चौबीस घंटों के दौरान हमास ने गाज़ापट्टी से इस्राइल पर सात रॉकेट हमले किए। इस्राइल और पैलेस्टिनियों के बीच इस संघर्ष को लेकर विश्‍वभर से प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है और अमरीका ने भी इस संघर्ष पर चिंता जताई है। लेकिन, इस पर चिंता जताने के बजाय अमरीका ने हिंसा कर रहे लोगों के समर्थन कर्ताओं पर दबाव ड़ाला तो इससे अधिक सहायता प्राप्त होगी, ऐसी फटकार इस्राइल ने लगाई हैं।

शुक्रवार की शाम से ही इस्राइल के जेरूसलम में जोरदार संघर्ष शुरू हुआ है। इस्राइली पुलिस और पैलेस्टिनियों के बीच हो रहे इस संघर्ष में अब तक ४०० से अधिक घायल हुए हैं। जेरूसलम के साथ ही करीबी शेख जराह क्षेत्र में भी हिंसा शुरू हुई है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने यह संघर्ष बंद करने के लिए निवेदन भी किया था। इसके अलावा सालाना १० मई के दिन मनाए जा रहे ‘जेरूसलम डे’ के समारोह में कुछ बदलाव करने का सुझाव भी इस्राइली प्रधानमंत्री ने दिया था।

लेकिन, सोमवार की सुबह ७ बजने के बाद अल अक्सा प्रार्थना स्थान के इलाके में इस्राइली पुलिस और पैलेस्टिनी प्रदर्शनकारियों के बीच दोबारा संघर्ष शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों ने इस्राइली पुलिस पर जोरदार पथराव किया। इस दौरान इस्राइली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस एवं रबर बुलेट्स का प्रयोग किया। इस संघर्ष में ३०५ पैलेस्टिनी प्रदर्शनकारी और १६ इस्राइली पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनमें से २०५ प्रदर्शनकारी और १ पुलिसकर्मियों को अस्पताल में दाखिल किया गया है। सात प्रदर्शनकारियों की स्थिति गंभीर होने का दावा पैलेस्टिनी संगठन कर रहा है।

जेरूसलम में यह संघर्ष जारी होते हुए हमास ने गाज़ापट्टी से इस्राइल की सीमा में रॉकेट हमले करना जारी रखा। रविवार की रात दो और देर रात के बाद दो इस तरह कुल चार रॉकेट्स इस्राइल के दक्षिणी हिस्से के अश्‍लेलॉन इलाके में गिरे। सीमा पर तैनात ‘आयर्न डोम’ ने इनमें से दो रॉकेट्स सफलता के साथ नष्ट किए। इसके बाद सोमवार सुबह होने से पहले गाज़ा से तीन रॉकेट हमले किए गए। इसके अलावा दो दिनों से गाज़ा से इस्राइली सीमा क्षेत्र में बलून बम के हमले जारी हैं। प्रत्युत्तर में इस्राइली सेना ने गाज़ा में स्थित हमास के ठिकानों को लक्ष्या किया।

जेरूसलम में हुई घटना के लिए हमास ने इस्राइल को ज़िम्मेदार ठहराया है और अगले दिनों में इस्राइल पर हमले तेज़ करने की धमकी भी दी है। इस पृष्ठभूमि पर इस्राइल ने गाज़ा की सीमा पर तैनात अपने सैनिकों को तैयार रखा है। इसी दौरान उत्तरी ओर की लेबनान सीमा के करीब इस्राइल ने बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया है। इस्राइल के इस युद्धाभ्यास के बाद लेबनान में स्थित हिज़बुल्लाह द्वारा भी सीमा पर अपनी लष्करी गतिविधियाँ बढ़ाने की खबरें प्राप्त हो रही हैं।

तुर्की ने जेरूसलम में हुए संघर्ष के मुद्दे पर तीखा बयान किया है। जेरूसलम में किया गया यह हमला हमारे सभी लोगों के सम्मान पर किया गया हमला है। इस सम्मान की रक्षा करना ही हम सबका कर्तव्य है’, यह बयान तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के दफ्तार से जारी प्रतिक्रिया में दर्ज़ है।

इसी बीच अमरीका के बायडेन प्रशासन ने भी इस संघर्ष को लेकर चिंता जताई है। अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने इस्राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मीर बेन शबात के साथ फोन पर बातचीत करके यह चिंता जताई है, ऐसा वाईट हाउस ने कहा है। ‘लगातार उकसाने की कोशिश के बावजूद इस्राइल दूसरों की संप्रभुता का सम्मान करके, ज़िम्मेदारी के साथ और सामाजिक अहसास रखकर इस मामले को संभाल रहा है। लेकिन, जिसे इस्राइल पर दबाव बनाना है वह इस मामले में अंतरराष्ट्रीय दखलअंदाज़ी करके दंगा करनेवालों की सहायता कर रहे हैं’, ऐसी आलोचना शबात ने इस दौरान की।

‘इस संघर्ष पर चिंता जताने के बजाय बायडेन प्रशासन ने यह हिंसा करनेवालों का समर्थन करनेवालों पर दबाव ड़ाला तो वह इस्राइल के लिए सहायक होगा’, यह बयान करके इस्राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने फटकार लगाई है।

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