अफ़ग़ानिस्तान में ‘आयएस’ के हमले में ३० से ज्यादा लोगों की मौत

काबुल: अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रार्थना स्थलपर हुए आतंकवादी हमले में ३० से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई है और ८० से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। ‘आयएस’ ने इस भीषण हमले की जिम्मेदारी ली है। अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने इस हमले की कड़े शब्दों में नींदा की है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अफ़ग़ानिस्तान के मामले में नयी नीति घोषित करने के बाद हुए इस आतंकवादी हमले का बहुत बड़ा परिणाम हो सकता है।

शुक्रवार दोपहर १ बजे के दौरान चर हमलावर आतंकवादियों ने काबुल के शिया पंथियों के प्रार्थना स्थल पर हमला किया। उस समय यहाँ पर करीब २०० लोग मौजूद थे। दो आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की और भयंकर रक्तपात किया। इस हमले के बाद अफगानी जवानों ने तत्काल प्रतिहमला करके दो आतंकवादियों को जगह पर ही मार गिराया। बाकि के दो आतंकवादियों ने आत्मघाती विस्फोट के जरिए खुदकुशी की। इस हमले में २० लोगों की जान जाने की और ५० लोग घायल होने की जानकारी अफ़ग़ानिस्तान के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दे रहे हैं। लेकिन इस हमले में मरने वालों की संख्या ३० से ज्यादा है और घायलों की संख्या ८० ज्यादा होने का दावा वृत्तसंस्थाओं ने किया है।

मरने वालों में बच्चे और महिलाओं का भी समावेश है। अफगानी जवानों ने इस प्रार्थनास्थल से करीब १०० लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की जानकारी अफ़ग़ानिस्तान के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय ने दी है। आतंकवादियों ने यह हमला करने के बाद अल्पावधि में ही अफगान जवानों ने प्रत्युत्तर दिया और दो आतंकवादियों को मार गिराया, ऐसा दावा अफ़ग़ानिस्तान का अंतर्गत रक्षा मंत्रालय कर रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों ने दी हुई जानकारी इससे बहुत ही अलग है। यह हमला होने के बाद दो घंटों के बाद अफगानी जवान यहाँ पर पहुंचे और उन्होंने आतंकवादियों को मार गिराया, ऐसी जानकारी प्रत्यक्षदर्शियों ने दी है। इस वजह से जीतनी कही जा रही है, उससे भी बड़ी मरने वालों की संख्या हो सकती है, ऐसा डर लग रहा है।

दौरान, अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने इस हमले का कठोर शब्दों में निषेध किया है। आतंकवादी अब पराजित होते जा रहे हैं, इसीलिए हताश होकर वो प्रार्थना स्थलों को लक्ष्य बना रहे हैं, ऐसा आरोप गनी ने लगाया है। साथ ही सभी इस्लामी धर्मगुरुओं ने इस कायर हमले का निषेध करना चाहिए, ऐसा आवाहन भी अफगानी राष्ट्राध्यक्ष ने किया है। पिछले कुछ दिनों से अफ़ग़ानिस्तान में रक्तपात करने वाले तालिबान ने इस हमले से अपना संबंध नहीं है, ऐसा कहा है। तालिबान का प्रवक्ता झबिउल्ला मुजाहिद ने एक वृत्तसंस्था को दी हुई मुलाकात में इस हमले का निषेध किया है।

‘आयएस’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, साथ ही उन्होंने यह हमला करके दिखा दिया है कि, अफ़ग़ानिस्तान में उनका प्रभाव बढ़ता जा रहा है। अफ़ग़ानिस्तान में ‘तालिबान’ का वर्चस्व बढ़ रहा है, ऐसे में ‘आयएस’ की चुनौती इस देश के सामने खड़ी हुई है। अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपने प्रशासन की अफगान विषयक नीति घोषित करते हुए, ‘तालिबान’ के साथ साथ ‘आयएस’ के खतरों का भी मुख्य रूप से जिक्र किया था। इस बात को कुछ ही दिन बीते हैं, तभी भीषण हमला करके ‘आयएस’ ने अमरिका की नई नीति को चुनौती दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.