इराक की मध्यस्थता से ईरान-सौदी के संबंध सुधारने की गतिविधियाँ

तेहरान – सौदी अरब और ईरान जैसे सख्त बैरी देशों के बीच मध्यस्थता करने की गतिविधियाँ इराक ने तेज़ की हैं। पिछले दो दिनों से इराक के प्रधानमंत्री ने सौदी और ईरान की यात्रा करके खाड़ी में स्थिरता निर्माण करने के मुद्दे पर दोनों देशों के नेताओं से चर्चा की। रियाध और तेहरान में दूतावास शुरू करने की योजना का ईरान ने स्वागत किया। इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर र्इंधन संकट, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की सौदी यात्रा से पहले इराक के प्रधानमंत्री की यह कोशिश अहमियत रखती है।

‘मुस्तफा अल-कधीमी’ इराक के अस्थायी प्रधानमंत्री हैं। पिछले कुछ महीनों से प्रधानमंत्री कधीमी सौदी और ईरान का मेल करने के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं। हाल ही के दिनों में इराक के प्रधानमंत्री ने शुरू की हुई इसकी कोशिश सफल होने की खबरें प्राप्त हुई थीं। लेकिन, येमन के हौथी विद्रोहियों ने सौदी की राजधानी रियाध की दिशा में रॉकेटस्‌ और मिसाइल्स दागने के बाद सौदी और ईरान में नए से तनाव निर्माण हुआ था। पिछले सात सालों से येमन से संघर्ष कर रहे हौथी विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त होने का आरोप लगाया जा रहा है।

लेकिन, पिछले दो महीनों से सौदी और येमन के विद्रोहियों में युद्धविराम हुआ है। ऐसी स्थिति में इराक के प्रधानमंत्री कधीमी ने शनिवार रात सौदी के जेद्दाह में क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान और रविवार को ईरान की राजधानी तेहरान में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी से मुलाकात की। सौदी और ईरान के बीच सलोखा स्थापित करने की कोशिशों को सफलता प्राप्त हो रही है, ऐसा दावा इराक के प्रधानमंत्री ने किया।

इसी दौरान प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान और इराक के प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दे पर चर्चा की, ऐसा सौदी की सरकारी वृत्तसंस्था ने कहा है। इसी के साथ क्षेत्रीय सहयोग और सुरक्षा बढ़ाने के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री कधीमी और प्रिन्स मोहम्मद के बीच विचारों का आदान-प्रदान हुआ, ऐसा सौदी की वृत्तसंस्था ने प्रसिद्ध किया। लेकिन, सौदी और ईरान के संबंध सुधारने के लिए इराक के प्रधानमंत्री की कोशिशों का ज़िक्र सौदी ने अधिकृत स्तर पर नहीं किया है।

पिछले कुछ महीनों से ईरान और सोदी में चर्चा की प्रक्रिया शुरू थी। लेकिन, अभी तक दोनों देशों ने एक-दूसरे के देश में दूतावास शुरू नहीं किया है। येमन में विद्रोहियों को प्राप्त हो रहा ईरान का समर्थन एवं इराक और सीरिया जैसे देशों पर ईरान का प्रभाव हमारे लिए चुनौती होने का विचार सौदी रखता है। इसी बीच सौदी अरब के नेतृत्व वाले अरब-खाड़ी देशों का गुट इस्रायल से सहयोग स्थापित करके हमारी सुरक्षा को चुनौती दे रहा है, ऐसा ईरान का कहना है। ईरान इसे कभी भी बर्दाश्‍त नहीं करेगा, ऐसी चेतावनी यह देश दे रहे हैं। इसी दौरान सौदी अरब अब इस्रायल से सहयोग स्थापित करने के संकेत दे रहा है और यह सहयोग ईरान विरोधी ही है, ऐसा आरोप ईरान लगा रहा है।

इसी कारण इराक के प्रधानमंत्री एवं अन्य नेताओं चाहे कितनी भी कोशिश करें तब भी सौदी और ईरान में सहयोग स्थापित करना उतना आसान नहीं। बल्कि, आगे के दिनों में यह संघर्ष अधिक तीव्र हो सकता है, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। 

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