सरहदी एवं नक्सलग्रस्त क्षेत्र के ५,००० गांवों को प्राप्त होगी सैटेलाईट के ज़रिये इंटरनेट की सुविधा

नई दिल्ली – सरहदी एवं नक्सलग्रस्त क्षेत्र के गांवों के साथ अंड़मान निकोबार द्विप पर इस्रो के सैटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट सुविधा प्रदान की जाएगी। देश के १५ राज्य और केंद्रीय प्रदेशों के कुल पांच हज़ार ग्राम पंचायतों को इस योजना के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा प्रदान की जाएगी। वर्ष २०२१ के मार्च महीने तक सरकार के ‘भारत नेट कार्यक्रम’ के तहत यह सुविधा प्रदान होगी। इसके लिए सरकार ने ‘ह्युजेस इंडिया’ और ‘टेलिकम्युनिकेशन्स कन्सल्टंट इंडिया लिमिटेड’ (टीसीआयएल) का चयन किया है।

satellite-internetइस प्रकल्प के माध्यम से ‘ह्युजेस इंडिया’ ‘इस्रो’ के ‘जीसैट-१९’, ‘जीसैट-११’ और ‘ज्युपिटर सिस्टम’ की सहायता से देश के पांच हज़ार ग्रामपंचायतों में ‘१० एमबी’ गति की सैटेलाईट ब्रॉड बैण्ड इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए ‘ह्युजेस’ ने सौर ऊर्जा पर आधारित यंत्रणा, यूज़र्स टर्मिनल्स एवं अन्य यंत्रणा भी दुर्गम इलाकों के गांवों में स्थापित करेगी। इस योजना का लाभ ईशान कोण स्थित अरुणाचल प्रदेश, मेघायल, त्रिपुरा, मिज़ोराम जैसे राज्यों के साथ ही अंडमान निकोबार, लक्ष्यद्विप एवं नक्सलग्रस्त छत्तीसगड़, झारखंड़ जैसे राज्यों की ग्रामपंचायतों को होगा। पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली के गांवों में भी अब इंटरनेट सुविधा पहुँचेगी।

गलवान वैली में भारत और चीन के बीच तनाव निर्माण हुआ है और ऐसे में इस क्षेत्र में ‘सैटेलाईट’ से ‘इंटरनेट’ सुविधा प्राप्त होना सामरिक नज़रिये से अहम साबित होता है। साथ ही अंड़मान निकोबार और ईशान कोण राज्यों में स्थित दुर्गम इलाकों में सैटेलाईट इंटरनेट का नेटवर्क विकसित होने से कनेक्टिविटी बढेगी, ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं। इसी बीच देश के ग्रामीण इलाकों के नागरिकों को संभव होगा, ऐसे दर से इंटरनेट उपलब्ध कराना इस योजना का उद्देश्‍य है। भारतनेट कार्यक्रम के तहत सरकार देश के २.५० लाख ग्रामपंचायतों को इंटरनेट उपलब्ध करा रही है। इस वजह से ग्रामीण इलाकों के नागरिकों को सभी सेवाओं का लाभ प्राप्त करना भी संभव होगा।

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