‘आईएनएसटीसी’ की वजह से व्यापारी यातायात गतिमान और विश्वसनीय होगी – केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल

मुंबई – ‘इंटरनैशनल नॉर्थ-साऊथ ट्रान्सपोर्ट कॉरिडॉर’ (आईएनएसटीसी) में ईरान का छाबहार बंदरगाह काफी अहम भूमिका निभाएगा। इससे मध्य एशियाई देश ईरान के ज़रिये भारत के साथ व्यापार के नज़रिये से जुड़ जाएँगे। व्यापारी यातायात क्षेत्र की कंपनियों ने ईरान के छाबहार बंदरगाह परियोजना के शहीद बेहेश्ती बंदरगाह का अधिकाधिक इस्तेमाल करें। इससे व्यापारी यातायात अधिक आसान, जल्द और अधिक व्यवहार्य एवं विश्वसनीय होगी, ऐसा भारत के बंदरगाह, जहाज़ निर्माण एवं जलमार्ग विभाग के मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा।

‘आईएनएसटीसी'हाल ही में आयोजित ‘शांघाइ को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन’ (एससीओ) की बैठक में चीन और पाकिस्तान ने अपने सीपीईसी परियोजना के दाखिले दिए थे। ऐसे में भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने इसी बैठक में ईरान में भारत विकसित कर रहे छाबहार बंदरगाह की परियोजना का ज़िक्र करके चीन और पाकिस्तान को जवाब दिया था। भारत विकसित कर रहे छाबहार बंदरगाह की परियोजना में ईरान की खास रूचि है। कुछ हफ्ते पहले ईरान ने अपना यह बंदरगाह रशिया एवं मध्य एशियाई देशों के अलावा भारत के व्यापार के लिए खुला करने का ऐलान किया था।

यह ऐलान करके ईरान ने एक ही समय पर कई बातें प्राप्त कीं, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। परमाणु प्रकल्प के कारण अमरीका और पश्चिमी देशों ने ईरान को घेरा था। ऐसी स्थिति में रशिया और मध्य एशियाई देशों के व्यापार के लिए ईरान ने छाबहार बंदरगाह खुला करने की तैयारी दिखाकर अपनी भौगोलिक और आर्थिक अहमियत काफी बढ़ाई हुई दिख रही है। कुछ पश्चिमी विश्लेषक और माध्यमों ने ईरान के इस निर्णय का रशिया और मध्य एशियाई देशों समेत भारत को भी बड़े लाभ प्राप्त होंगे, यह निष्कर्ष दर्ज़ किया था।

इस पृष्ठभूमि पर रविवार को मुंबई में ‘छाबहार डे’ नामक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें कज़ाकस्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान के राजदूत शामिल हुए थे। साथ ही ईरान के बंदरगाह एवं आर्थिक कारोबार विभाग के उप-प्रमुख जलिल इस्लामी, ईरान के महावाणिज्यदूत ए.एम.अली खानी, अफ़गानिस्तान के महावाणिज्यदूत ज़ाकिया वारडैक मौजूद थे। इस वजह से ईरान समेत मध्य एशियाई देश भी ‘आईएनएसटीसी’ परियोजना को काफी अहमियत दे रहे हैं। इस दौरान भारत के बंदरगाह, जहाज़ निर्माण एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने इस परियोजना की अहमियत रेखांकित की। बंदरगाह उपलब्ध ना होनेवाले देशों को ‘आईएनएसटीसी’ से बड़ा लाभ मिलेगा और इससे उनका व्यापार बढ़ेगा, यह विश्वास केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने व्यक्त किया।

इसी बीच ‘आईएनएसटीसी’ परियोजना की वजह से भारत के रशिया और मध्य एशियाई देशों से व्यापार की स्थिति बदल जाएगी और इससे भारत का व्यापार प्रचंड़ बढ़ेगा ऐसे दावे किए जा रहे हैं। पाकिस्तान ने अब तक व्यापारी मार्ग खुला ना करने की वजह से भारत को यह व्यापार करने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ। लेकिन, अब आईएनएसटीसी की वजह से पाकिस्तान भारत के इस व्यापार में दिक्कत नहीं बन सकेगा। इस वजह से पाकिस्तान की भौगोलिक अहमियत ही खत्म हो जाएगी। इसका अहसास होने की वजह से ही पिछले कुछ महिनों में पाकिस्तान ने अफ़गानिस्तान एवं मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के लिए मार्ग खुला करने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, अब भारत पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को अनदेखा कर रहा है और भारत ने ‘आईएनएसटीसी’ पर अपना ध्यान केंद्रीत किया हुआ दिख रहा है।

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