विदेशस्थ भारतीयों ने ८७ अरब डॉलर्स भारत में भेजे – दुनिया में सर्वाधिक रेमिटन्स भारत में

नई दिल्ली – इस वर्ष में विदेशस्थ भारतीयों ने भारत में भेजी निधि में बड़ी वृद्धि हुई है। विदेशों में रहनेवाले भारतीयों से आनेवाला रेमिटन्स यानी भेजी हुई निधि ८७ अरब डॉलर्स तक पहुँचेगी, ऐसा अनुमान जागतिक बैंक ने जताया है। भारत दुनिया में सर्वाधिक रेमिटन्स प्राप्त करनेवाला देश बना होकर, भारत को विदेशस्थ भारतीयों से प्राप्त हुई निधि में से सर्वाधिक निधि अमरीका से आई है, ऐसा भी जागतिक बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है।

India-remittancesविभिन्न देशों को विदेशों में रहनेवाले अपने नागरिकों से मिलनेवाली निधि के बारे में रिपोर्ट जागतिक बैंक ने बुधवार को जारी की। इस रिपोर्ट में भारत दुनिया में सर्वाधिक रेमिटन्स प्राप्त करनेवाला देश साबित हुआ है, यह बात अधोरेखांकित की गई है। भारत को अपने विदेशस्थ नागरिकों से मिलनेवाली निधि पिछले साल की तुलना में ४.६ प्रतिशत से बढ़ी है। यह रेमिटन्स ८७ अरब डॉलर्स तक जाएगा ऐसा अनुमान है। कोरोना के दौर में विदेशों में रहनेवाले भारतीयों ने भरपूर सारी निधि सहायता के रूप में भारत भेजी। कोरोना की दूसरी लहर में भारत में पाए जा रहे मरीजों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पहुँची। साथ ही, सर्वाधिक मृत्यु भी भारत में दर्ज हो रहे थे। ऐसे समय विदेशस्थ भारतीयों द्वारा बड़े पैमाने पर सहायता का प्रवाह भारत की ओर शुरू हुआ, ऐसा जागतिक बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है।

इतना ही नहीं बल्कि सन २०२२ में भी भारत को मिलनेवाले रेमिटन्स में भी बढ़ोतरी होगी, ऐसा अनुमान वर्ल्ड बैंक ने जताया है। अगले साल भारत का रेमिटन्स ८९.६ अरब डॉलर्स तक पहुंचेगा, ऐसी संभावना जागतिक बैंक ने जाहिर की है। भारत के बाद सर्वाधिक रेमिटन्स यह चीन, मेक्सिको और फिलीपींस को प्राप्त हुआ है। मध्यम आय होने वाले देशों के रेमिटन्स में ७.३ प्रतिशत की वृद्धि हुई होकर, यह रेमिटन्स ५८९ अरब डॉलर्स तक जाने की संभावना भी जागतिक बैंक ने जताई है। पिछले साल भी विदेशस्थ भारतीयों ने ८३ अरब डॉलर्स भारत में भेजे थे। सन २०२० में भी भारत ही सर्वाधिक रेमिटन्स प्राप्त करनेवाला देश साबित हुआ था। वहीं, चीन को ६० अरब डॉलर्स का रेमिटन्स प्राप्त हुआ था।

किसी भी देश के लिए उनके विदेशस्थ नागरिक बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं। भारत में आनेवाले रेमिटन्स में से कई विकास के काम पूरे किए जाते हैं। गरीबों के लिए होनेवाली योजनाओं पर अमल करने के लिए भी यह निधि अहम साबित होती है। साथ ही, फॉरेन रिजर्व्स बढ़ने के कारण मुद्रा मूल्य स्थिर रखने में अथवा अधिक मज़बूत करने में रेमिटन्स की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर इसका बड़ा परिणाम दिखाई देता है। इस कारण देश के लिए बढ़ता रेमिटन्स यह बहुत ही अहम बात साबित होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.