सियासी उथल-पुथल की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन में महंगाई दर फिर से १० प्रतिशत पर

लंदन – रशिया-यूक्रेन युद्ध, ईंधन की कीमतों में विक्रमी उछाल और सियासी उथल-पुथल की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन में महंगाई ने फिर से १० प्रतिशत की रेखा पार कर दी। सितंबर में ब्रिटेन का महंगाई निदेशांक १०.१ प्रतिशत दर्ज होने की जानकारी ब्रिटेन के ‘ऑफिस ऑफ नैशनल स्टैटिस्टिक्स’ ने बुधवार को प्रदान की। मात्र तीन महीनों में ब्रिटेन में महंगाई फिर से १० प्रतिशत से अधिक हुई है। इससे पहले जुलाई में ब्रिटेन में महंगाई का दर १०.१ प्रतिशत दर्ज हुआ था। ब्रिटेन में देखा गया महंगाई में यह उछाल सन १९८२ के बाद का सबसे बड़ा उछाल है।

सियासी उथल-पुथलईंधन के साथ अन्न, धान, दूध, अंड़े, तैयार पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी इस रेकॉर्ड महंगाई का कारण बनी हैं। दूध की कीमतें ४० प्रतिशत से अधिक बढ़ी हैं और अनाज एवं अंडों की कीमतें २० प्रतिशत से अधिक बढ़ी हैं। ईंधन की कीमतों में उछाल अभी जारी है और बिजली के बिल आम जनता की क्षमता से बाहर जा रहे हैं। बढ़ती हुई महंगाई के लिए रशिया-यूक्रेन युद्ध, ईंधन बाज़ार की गतिविधियों के साथ ब्रिटेन में सियासी उथल-पुथल ज़िम्मेदार होने का दावा कुछ विश्‍लेषक कर रहे हैं।

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रुस ने पिछले हफ्ते मिनी बजट पेश किया था। इस पर आम नागरिकों के साथ वित्तीय क्षेत्र ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। घरों के साथ अन्य कई चीज़ों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई थी। इसका असर महंगाई निदेशांक पर दिखाई दे रहा है। प्रधानमत्री ट्रुस ने वित्तमंत्री को हटाकर मिनी बजट भी रद्द किया है। फिर भी इसका असर दिखाई देने के लिए कुछ समय लगेगा, ऐसा कहा जा रहा है।

महंगाई को रोकने के लिए ब्रिटेन की सेंट्रल बैंक ने ब्याजदर में लगातार बढ़ोतरी करने की नीति अपनाई है। लेकिन, इसे ज्यादा सफलता प्राप्त नहीं हुई, यह नए आँकड़ों से दिख रहा है। ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ के गवर्नर एंड्य्रू बेली ने युद्ध की आर्थिक कीमत चुकानी पड़ती है, ऐसा कहकर अगले महीने ब्रिटेन में विक्रमी महंगाई होगी, यह चेतावनी पहले ही दी थी। इसकी वजह से ब्रिटीश जनता को अगले कुछ महीनों तक ‘कॉस्ट ऑफ लीविंग क्राइसिस’ का सामना करना पडेगा, ऐसा दिख रहा है।

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