‘नो डील ब्रेक्झिट’ की पृष्ठभूमि पर ब्रिटन द्वारा नौसेना की अतिरिक्त तैनाती के संकेत

लंदन/ब्रुसेल्स – युरोपिय महासंघ के साथ भविष्य के संबंधों के बारे में यदि उचित समझौता नहीं हुआ, तो आक्रामक भूमिका अपनाने के संकेत ब्रिटन सरकार ने दिये हैं। यदि इस महीने के अन्त तक समझौता नहीं हुआ, तो ब्रिटन की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त नौसेना तैनात करके युरोपिय देशों के जहाज़ एवं नौकाओं की आवाजाही रोकी जायेगी, ऐसी चेतावनी ब्रिटन द्वारा दी गयी है। वहीं, युरोपिय महासंघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन ने भी, ‘इमर्जन्सी प्लॅन्स’ तैयार होने का ऐलान किया है।

no-deal-brexitइस साल की शुरुआत में, ३१ जनवरी, २०२० को ब्रिटन युरोपिय महासंघ से बाहर निकला था। उसके बाद लगभग सालभर, ब्रिटन और युरोपिय महासंघ के बीच भविष्यकालीन संबंध कैसे रहेंगे इसकी चर्चा दोनों पक्षों में जारी है। दोनों तरफ़ से आक्रामक बयानबाज़ी जारी होकर, चर्चाओं के दौरान लगातार तीव्र संघर्ष हुआ दिखायी दिया था। पिछले महीनेभर में ब्रिटन तथा युरोपिय महासंघ में कई ईमर्जन्सी बैठकें होकर भी हल सामने नहीं आया है। लेकिन तीन मुद्दों पर अभी भी एकमत न हुआ होने के कारण, ब्रिटन महासंघ के साथ समझौता नहीं करेगा, ऐसा बताया जा रहा है।

कुछ दिन पहले ब्रिटन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने, आख़िरी कोशिश के तौर पर युरोपिय महासंघ के मुख्यालय की भेंट करके, महासंघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन के साथ कई घंटों तक चर्चा की थी। लेकिन उसमें से कुछ भी हाथ नहीं लगा है। यह बैठक ख़त्म होने के बाद अगले २४ घंटों में दोनों पक्षों के नेताओं ने, अब ‘नो डील ब्रेक्झिट’ के लिए तैयार रहो, ऐसे स्पष्ट संकेत दिये थे। ब्रिटन और महासंघ के बीच तीन मुद्दों पर मतभेद कायम हैं, ऐसा बताया जा रहा है। उनमें ‘मच्छिमारी का हक़’, ‘उद्योग एवं निवेश विषयक नियम’ और ‘विवादों को सुलझाने के लिए आवश्यक यंत्रणा’ का समावेश है।

no-deal-brexitइसी पृष्ठभूमि पर ब्रिटन ने अतिरिक्त नौसेना तैनाती का फ़ैसला किया, ऐसा माना जाता है। ब्रिटन और युरोपिय देशों के बीच मच्छिमारी का मुद्दा सर्वाधिक विवादग्रस्त साबित हुआ होकर, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन ने इसपर आक्रामक भूमिका अपनाई, ऐसा सामने आया है। ब्रिटन की सागरी सीमा में मच्छिमारी का हक़ और हिस्सा फ्रान्स नहीं छोड़ेगा, ऐसा मॅक्रॉन ने स्पष्ट किया। लेकिन ब्रिटन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने यह जताया है कि किसी भी हालत में सन २०२१ से ब्रिटन की सागरी सीमा में हो रही मच्छिमारी पर ब्रिटन का नियंत्रण रहेगा।

no-deal-brexitब्रिटन की सागरी सीमा में घुसपैंठ रोकने के लिए ही ब्रिटन ने इंग्लिश चैनेल तथा आयर्लंड के सागर में गनबोट्स तैनात करने का फ़ैसला किया है। इन बोटों को, ब्रिटन की सागरी सीमा में घुसपैंठ करनेवालीं बोटों को खदेड़ देने का तथा उन्हें कब्ज़े में लेने का अधिकार दिया है। गनबोट्स के साथ ही, ‘वाईल्डकॅट’ तथा ‘मर्लिन’ हेलिकॉप्टर्स को भी गश्ती के लिए ‘स्टँडबाय’ रखने के आदेश दिये गए हैं। ब्रिटन के अधिकारियों तथा नेताओं ने इस निर्णय का समर्थन किया है।

इसी बीच, ‘नो डील ब्रेक्झिट’ की पृष्ठभूमि पर, ब्रिटन की मुद्रा होनेवाले ‘स्टर्लिंग पौंड’ में गिरावट हुई होने की बात समने आयी है। ब्रिटन समेत युरोप के शेअरमार्केटों में भी गिरावट शुरू हुई होकर, अगले हफ़्ते में भी वह कायम रहेगी, ऐसे संकेत दिये गए हैं।

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