ब्रिटन में ब्रेक्झिट के खिलाफ असंतोष बढ़ा – लंडन में ब्रेक्झिट के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में सात लाख नागरिक शामिल

लंडन: ब्रेक्झिट के मुद्दे को लेकर ब्रिटन और यूरोपीय महासंघ के बीच चल रही चर्चा की उलझन अधिकाधिक बढती जा रही है। ऐसे में ब्रिटन में ब्रेक्झिट के खिलाफ असंतोष की तीव्रता बढती जा रही है। प्रधानमंत्री थेरेसा मे की ब्रेक्झिट योजना को सत्ताधारी पार्टी से विरोध हो रहा है और कुछ मंत्री और कुछ एमएलएज ने बगावत की तैयारी करने के संकेत मिल रहे हैं। उसी समय ब्रिटिश जनता में ब्रेक्झिट की अस्वस्थता दिन प्रति दिन तीव्र हो रही है और शनिवार को लंडन में हुए भव्य प्रदर्शन से इसकी पुष्टि हुई है।

दो सालों पहले ब्रिटन में यूरोपीय महासंघ से बाहर निकलने के मुद्दे पर जनमत लिया गया था। इस जनमत में, ब्रिटन महासंघ से बाहर निकले ऐसा मत ५२ प्रतिशत नागरिकों ने व्यक्त किया था। उसमें भी ब्रिटन के चार प्रान्तों में से इंग्लैंड और वेल्स इन प्रान्तों के नागरिकों ने महासंघ छोड़ने के पक्ष में और स्कॉटलैंड और नॉर्दन आयलैंड प्रान्तों ने यूरोपीय महासंघ में रहने पर जोर दिया था। जनमत के बाद लगभग दो सालों की चर्चा के बाद ब्रिटन मार्च २०१९ में महासंघ से बाहर निकलेगा, इस पर मुहर लग गई थी।

ब्रिटन, ब्रेक्झिट, खिलाफ, असंतोष बढ़ा, लंडन, प्रदर्शनों, सात लाख, नागरिक, शामिललेकिन महासंघ से निश्चित रूपसे किन शर्तों पर बाहर निकलना होगा, इसपर पिछले कई महीनों से चर्चा शुरू है और उसमें से कोई भी ठोस विकल्प सामने नहीं आया है। ब्रिटन के राजनीतिक समूह में ‘हार्ड ब्रेक्स्झिट’, ‘सॉफ्ट ब्रेक्झिट’ और ‘नो डील’ इन तीन अलग अलग विकल्पों का समर्थन किया जा रहा है और ब्रिटिश सरकार पर दबाव बढ़ गया है। इसी पृष्ठभूमि पर ब्रेक्झिट का विरोध करने वाले नेताओं ने फिरसे जनमत की मांग की है और उसको समर्थन बढ़ रहा है। सत्ताधारी पार्टी के प्रभावी गुट के साथ साथ विरोधी लेबर पार्टी, लिबरल डेमोक्रेट पार्टी और स्कॉटलैंड से दूसरे जनमत को समर्थन मिल रहा है।

इसी मांग को पकड़कर शनिवार को लंडन में ‘द पीपल्स वोट मार्च’ का आयोजन किया गया था। इस मोर्चे में लगभग ७ लाख नागरिक शामिल होने का दावा आयोजकों ने किया है। दूसरे जनमत की आग्रही मांग करने वाले इस प्रदर्शन में ब्रिटन के मेयर सादिक खान, संसद सदस्य सारा वोलास्टन और एना सॉब्राय, लिबरल डेमोक्रेट के नेता विन्स केबल के साथ साथ कई राजनीतिक नेता शामिल हुए थे। स्कॉटलैंड की नेता निकोला स्टर्जन ने भी विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मोर्चे को संबोधित करते समय दूसरे जनमत की मांग को समर्थन घोषित किया है।

मोर्चे में ‘एक्झिट ब्रेक्झिट’, ‘वुई डिमांड अ पीपल्स वोट’, ‘आस्क मी अगेन’, ‘लेट्स स्टे टुगेदर’, ‘वुई वांट अवर कंट्री बैक’, ‘लेट अस वोट अगेन’ जैसे घोषणा वाले बोर्ड बड़े पैमाने पर दिखाई दे रहे थे।

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