पाक़िस्तान से मानवतावादी सहायता लेने से भारत का इन्कार

नई दिल्ली, दि. १४ (पीटीआय) – ‘पाक़िस्तान भारत में आतंकवादी, घुसपैठिये, नशीले पदार्थ, नकली नोट भेज रहा है, जो काफ़ी है’ ऐसा ताना मारते हुए विदेश मंत्रालय ने, जम्मू-कश्मीर में मानवतावादी सहायता भेजने के लिए अनुमति माँगनेवाले पाक़िस्तान को आड़े हाथ लिया| भारत समेत इस क्षेत्र के अन्य देशों को भी पाक़िस्तान से ‘सहायता’ मिल रही है, ऐसी टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्रालय ने पाक़िस्तान को यह फटकार लगाई| भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बसित ने, पाकिस्तान का इस साल का स्वतन्त्रता दिवस ‘कश्मीर की आजादी’ को समर्पित है, यह कहकर भारत को उक़साया है|

vikas-swarupकश्मीर के मसले को लेकर भारत और पाक़िस्तान के बीच के मतभेद तीव्र हुए होकर, जम्मू-कश्मीर की नियंत्रणरेखा पर इसका असर दिखाई दिया | पुँछ ज़िले की नियंत्रणरेखा पर गोलीबारी करते हुए पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया| एक जगह अपने देश के स्वतन्त्रता दिवस के औचित्य पर भारतीय सेना के जवानों को मिठाई  देनेवाली पाक़िस्तानी सेना पुँछ में गोलीबारी कर भारत को उक़सा रही है| उसी  समय, पाक़िस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बसित ने, पाक़िस्तान का ‘जश्‍न-ए-आझादी’ पाक़िस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर को समर्पित है, ऐसे कहा|

उच्चायुक्त बसित के इस बेहुदा बयान पर भारत ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है| इससे पहले १२ अगस्त को पाक़िस्तान ने, जम्मू-कश्मीर के लोगों को ज़रूरी मानवतावादी सहायता देने के लिए भारत के पास अनुमति माँगी थी| उसपर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने यह प्रत्युत्तर दिया| पाक़िस्तान की यह माँग हास्यास्पद है, ऐसा कहते हुए स्वरूप ने पाक़िस्तान को फटकारा| ‘अब तक पाक़िस्तान का ट्रेडमार्क रहनेवाले आतंकवादी, घुसपैठिये, नशीले पदार्थ, नकली करन्सी आदि काफ़ी मदद भारतसमेत अन्य क्षेत्रों को भी मिली है’, ऐसा कहते हुए स्वरूप ने, पाक़िस्तान की नयी सहायता की जरूरत नहीं है, ऐसे कहा|

शुक्रवार को पाक़िस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अझिज ने, भारत को बातचीत के लिए न्यौता दिया था| लेकिन जब तक पाक़िस्तान आतंकवाद की निर्यात करना छोड़ नहीं देता और आतंकवादियों को प्रोत्साहन देने पर रोक नहीं लगाता, तब तक बातचीत संभव नहीं है, ऐसा खुलासा भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया था| केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग ने भी, सिर्फ़ पाक़िस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर को भारत के हवाले करने पर ही बातचीत हो सकती है, ऐसा कहा| विकास स्वरूप ने भी, पाक़िस्तान द्वारा दिये गए चर्चा के प्रस्ताव पर भारत की भूमिका स्पष्ट की| पाक़िस्तान के साथ चर्चा की प्रकिया का हम स्वागत ही करेंगे| लेकिन इस चर्चा में, पाक़िस्तान द्वारा भारत भेजा जानेवाला आतंकवाद का मसला भी रहेगा, ऐसी फ़टकार स्वरूप ने लगायी|

साथ ही, भारत के खिलाफ़ खुलेआम ज़हर उगालनेवाला और मुंबई आतंकवादी हमले की एवं पठानकोट आतंकवादी हमले की साज़िश रचनेवाला हफ़ीज़ सईद और सय्यद सलाहुद्दीन इन आतंकवादियों पर कार्रवाई का मुद्दा, यह पाक़िस्तान के साथ होनेवाली बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा, ऐसा दावा विकास स्वरूप ने किया है| इस प्रकार की बातचीत के लिए पाक़िस्तान तैयार नहीं है| पाक़िस्तान को भारत के साथ बातचीत सिर्फ ‘कश्मीर’ मुद्दे तक ही सीमित रखनी है, यह सामने आया है|

इस दौरान, ‘पाक़िस्तान ने भारत के साथ बातचीत नहीं की, तो भारत का कुछ भी नुकसान नहीं होगा| लेकिन बातचीत नहीं की, तो पाक़िस्तान को हानि पहुँचेगी और भारत को वही चाहिए|  क्योंकि ऐसे ही साल निकल गये, तो भारत बड़ी आर्थिक और सामरिक ताकत बन जायेगा| उस समय, भारत पाक़िस्तान को अब जितनी क़ीमत दे रहा है उतनी भी नहीं देगा’, यह दावा पाक़िस्तान के विशेषज्ञों ने कुछ ही दिन पहले किया था|

साथ ही, पाक़िस्तान ने हफ़ीज़ सईद और सलाहुद्दीन जैसे आतंकवादियों को कश्मीर मुद्दे पर बोलने के लिए मजबूर करके, भारत का पक्ष और भी मजबूत बना दिया है, ऐसी चिंता पाक़िस्तान के विशेषज्ञ जता रहे हैं| लेकिन पाक़िस्तान इस गलती को दोहराकर,  आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती बदनामी झेल रहा है, ऐसा इन विशेषज्ञों का कहना है|

पाकिस्तान के प्रगल्भ पत्रकार और विशेषज्ञ, इस प्रकार की आलोचना करते हुए, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने अपनी कश्मीर और भारत विषयक नीति में बदलाव लाना चाहिए, ऐसी माँग कर रहे हैं|

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