अमरिका के प्रतिबंधों से भारत ने ईरान में किए निवेश को खतरा नही – अमरिका के संकेत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – ईरान पर लगाए प्रतिबंधों से अब किसी को भी सहूलियत नहीं मिलेगी| तथा भारत के साथ ८ देश भी ईरान से ईंधन आयात एवं अन्य व्यापार तत्काल रोके अन्यथा इन देशों को भी अमरिकी प्रतिबंधों का सामना करना होगा, ऐसी चेतावनी अमरिका ने दी थी| भारत ने इस बारे में अबतक अपनी भूमिका घोषित नहीं की है, पर भारत ने ईरान में किए निवेश को खतरा ना होने के संकेत अमरिका ने दिए है| भारत ने ईरान में विकसित किया छाबहार बंदरगाह अपवादात्मक है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिए निर्णय की वजह से छाबहार बंदरगाह प्रकल्प को खतरा नहीं है, ऐसा अमरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है|

भारत ने ईरान में विकसित किया छाबहार बंदरगाह यह व्यूहरचनात्मक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है| भारत को इसकी वजह से पाकिस्तान को दूर रखते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार बढ़ाना संभव हुआ है| चीन ने सीपीईसी प्रकल्प के अंतर्गत पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को विकसित किया है| ग्वादर बंदरगाह का सामरिक फायदा भी चीन से उठाया जा रहा है| पर भारत ने ईरान में छाबहार बंदरगाह विकसित करके चीन और पाकिस्तान का दांव उधेड़ा है| जिसकी वजह से भारत के लिए यह प्रकल्प अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है|

वर्ष २०१५ में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से वापसी करके अमरिका ने पिछले वर्ष ईरान पर फिर से प्रतिबंध जारी किए थे| पर भारत के साथ अपने ८ मित्र देशों को ईरान के ईंधन आयात शून्य पर लाने के लिए ६ महीनों की सहूलियत दी थी| पर यह कालखंड खत्म हो रहा है और इसकी समय सीमा बढ़ाने के लिए अमरिका ने इनकार किया है| यह देश ईरान से ईंधन आयात रोके के अन्यथा उन्हें भी अमरिकी कानून के अनुसार प्रतिबंधों का सामना करना होगा, ऐसी चेतावनी ट्रम्प प्रशासन ने दी है| भारत केवल संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रतिबंधों का पालन करता है, भारत ने अबतक यही भूमिका रखी है| ईरान से ईंधन आयात रोकने के लिए अमरीका ने दी चेतावनी पर भारत में अबतक प्रतिक्रिया नहीं दी है| पर ईरान पर लगे प्रतिबंधों की वजह से भारत ने भी व्यूहरचनात्मक रूप से महत्वपूर्ण छाबहार बंदरगाह प्रकल्प में निवेश पर बहुत बड़ा परिणाम होने की आशंका जताई थी| पर अमरिका ने ईरान में भारत ने विकसित किए इस बंदरगाह का प्रकल्प अपवादात्मक होने की बात कही है और ईरान में भारत ने किए निवेश पर प्रतिबंधों की वजह से परिणाम ना होने के संकेत दिए हैं|

छाबहार बंदरगाह प्रकल्प यह केवल भारत और ईरान के लिए महत्वपूर्ण नही है, बल्कि अफगानिस्तान के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है| वहां पर अमरिका के हितसंबंध उलझे हुए होने से अमरिका ने छाबहार में भारत ने किए निवेश को लेकर यह भूमिका अपनाने की बात विश्‍लेषकों ने कही है|

भारत अन्य देशों से ईंधन की खरीदारी करेगा – पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

ईरान से ईंधन खरीदारी रोकने के लिए अमरिका ने १ मई तक अवधि दिया है| अन्यथा ईरान से ईंधन की खरीद कर रहे देशों को प्रतिबंधों का सामना करना होगा, ऐसा अमरिका ने सोमवार को कहा था| जिसकी वजह से ईरान के साथ बड़े तादाद में ईंधन सहयोग होनेवाले भारत के ईंधन आयात पर परिणाम होने की आशंका जताई जा रही थी| पर भारत की ईंधन की आवश्यकता पहचान कर यह नुकसान भरने के लिए अन्य ईंधन उत्पादक देशों से ईंधन का अतिरिक्त प्रदाय होने की जानकारी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी है|

भारत के तेल शुद्धीकरण प्रकल्प के लिए कच्चे तेल की मांग के अनुसार भारत की धारणा तैयार होने की बात पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने कही है| दौरान ईरान पर नए कठोर प्रतिबंध जारी किए गए हैं, फिर भी तत्काल ईंधन का उत्पादन नहीं बढ़ाएंगे, ऐसा सौदी अरब ने कहा है| जिसकी वजह से ईंधन तेल की कीमत बढ़ने की आशंका जताई जा रही है|

 

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